प्रयागराज. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव को अपना समर्थन देते हुए कहा था कि जस्टिस शेखर ने समान नागरिक संहिता की बात कही अगर किसी ने सच्चाई कही को ये कोई अपराध नहीं है. जिसके बाद जस्टिस शेखर कुमार यादव के समर्थन में कई सीनियर एडवोकेट भी उनके सपोर्ट में आ गए हैं. सभी ने खुले मंच पर इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं.
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बता दें कि जस्टिस शेखर के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को लेकर खूब चर्चाएं हो रही है. इन सबके बीच इंडियन लॉयर्स एसोसिएशन ने उनका समर्थन करते हुए उनके बयान को संवैधानिक करार दिया है. साथ ही उनके बयान में कुछ भी गलत न होने की बात भी कही है. इतना ही नहीं वकीलों का कहना ये भी है कि खुले मंच पर इस मुद्दे को लेकर चर्चा की जानी चाहिए.
‘कठमुल्ले’ देश के लिए घातक हैं’
8 दिसंबर को प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर कुमार यादव ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन का समर्थन करते हुए कहा था कि कानूनों को बहुसंख्यकों की प्राथमिकताओं के अनुरूप होना चाहिए.
उन्होंने ये भी कहा था कि ‘ये कहने में बिल्कुल गुरेज नहीं है कि ये हिंदुस्तान है. हिंदुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यकों के अनुसार ही देश चलेगा. यही कानून है. आप यह भी नहीं कह सकते कि हाईकोर्ट के जस्टिस होकर ऐसा बोल रहे हैं. कानून तो भइया बहुसंख्यक से ही चलता है. परिवार में भी देखिए, समाज में भी देखिए. जहां पर अधिक लोग होते हैं, जो कहते हैं उसी को माना जाता है.” उन्होंने ये भी कहा कि ‘कठमुल्ले’ देश के लिए घातक हैं.’
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