कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को भड़काऊ वीडियो मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रतापगढ़ी पर हुए FIR में कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कांग्रेस नेता पर गुजरात के जामनगर (Jamnagar) में भड़काऊ वीडियो गाना पोस्ट करने के आरोप में FIR दर्ज कराई गई थी. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 10 फरवरी को होगी. सांसद इमरान प्रतापगढ़ी (Imran Pratapgarh) ने बीतें दिनों उन पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर गुजरात (Gujrat) हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी हाईकोर्ट ने FIR को निरस्त करने से इंकार कर दिया था.

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दरअसल कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया एक्स पर प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में जब वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे तो उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था. गाने के बोल को लेकर आरोप है कि गाने के शब्द उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं. 

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गुजरात में 3 जनवरी को जामनगर के रहने वाले किशनभाई नंदा ने कांग्रेस नेता प्रतापगढ़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाया था. सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और धारा 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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इस केस को निरस्त करवाने के लिए इमरान ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने दलील दी कि उनका मकसद शांति और प्रेम को बढ़ावा देना था. प्रतापगढ़ी ने दावा किया कि एफआईआर का इस्तेमाल उन्हें परेशान करने के लिए किया गया है.

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने राज्यसभा सांसद के लिए पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें कुछ देर सुनने के बाद गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता किशनभाई नंदा को नोटिस जारी कर दिया. जस्टिस ओका ने कहा कि इस याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई होगी. तब तक पुलिस एफआईआर को लेकर अपनी कार्रवाई स्थगित रखे.

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