प्रयागराज. महाकुंभ में देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आने सिलसिला जारी है. मेला प्रशासन कल होने वाले दूसरे अमृत स्नान की तैयारियों में जुटा हुआ है. सीएम योगी ने तैयारियों का जायजा भी ले लिया है. मौनी अमावस्या के दिन 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु आने का अनुमान है. कल होने वाले अमृत स्नान के लिए सभी अखाड़ों के स्नान का शेड्यूल जारी किया गया है.
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महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के लिए शेड्यूल जारी कर दिया गया है. दूसरा अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजे से शुरू होगा.
सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी स्नान करेंगे. इसके बाद श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेगा. सुबह 5.50 बजे निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा स्नान करेंगे. सुबह 6.45 बजे जूना अखाड़ा का स्नान होगा. इसके बाद अवाहन अखाड़ा और पंच अग्नि अखाड़ा एक साथ स्नान करेंगे. सुबह 9.25 बजे बैरागी अखाड़े के संत स्नान करेंगे, फिर 10.05 बजे दिगंबर अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे. वहीं 11.05 बजे निर्मोही अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे और आखिरी में उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े स्नान करेंगे. दोपहर 12 बजे पंचायती अखाड़े के साधु-संत अमृत स्नान करेंगे और 1.05 बजे पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन स्नान करेगा.
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15 करोड़ से अधिक लोगों ने किया स्नान
प्रयागराज महाकुंभ में सुबह से 12 बजे तक 1.88 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. सुबह 8 बजे तक 55.07 लाख लोग स्नान कर चुके थे. 10 लाख से ज्यादा लोग महाकुंभ में कल्पवास कर रहे हैं. महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों श्रद्धालुओं का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया है. 17 दिनों में 15 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ स्नान कर चुके हैं, जो कि कुंभ मेले का अब तक का रिकॉर्ड है.
महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है. जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं, तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं, तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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