वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के भेलूपुर में 4-5 नवंबर 2024 की रात एक ही परिवार के पांच लोगों की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को दहला दिया था। मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता और उसके भाई प्रशांत ने अपने माता-पिता और दादा की हत्या का बदला लेने के लिए अपने चाचा, चाची और तीन चचेरे भाई-बहनों को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन इस केस ने पुलिस के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। इस घटना को आधी रात को अंजाम दिया गया था। जिसके चलते किसी ने कुछ नहीं देखा और घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था। लंबी छानबीन के बाद पुलिस ने हत्या के आरोपी को उसके भाई के साथ गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि आरोपियों ने काफी सफाई से इस घटना को अंजाम दिया था। घटना स्थल में कुछ सुराग नहीं मिल रहा था। घटना को अंजाम देकर आरोपी मुगलसराय से पटना, फिर कोलकाता और मुंबई तक भागता रहा। इस दौरान वह नकली पहचान बनाकर पुलिस को चकमा देता रहा। आरोपी विशाल ने दो फर्जी आईडी बनाई और अपने भाई प्रशांत से संपर्क में रहा। जिससे पुलिस को ट्रेस करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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आरोपी बोले- यह खून 1997 की हत्या का बदला

आरोपियों की प्लानिंग इतनी शातिर थी कि जिससे जानने के बाद पुलिस भी चौंक गई। उन्होंने कहा कि दो साल पहले ही बदले की साजिश रच ली गई थी। बिहार से हथियार और सिम कार्ड खरीदे गए थे। किसी फिल्म की कहानी की तरह पूरी घटना को सफाई से अंजाम दिया गया था। शुरुआती जांच में पुलिस को यह मामला लूटपाट और दुश्मनी का लग रहा था लेकिन जब आरोपी विशाल ने खुद जुर्म कबूला और बताया कि यह खून 1997 की हत्या का बदला था। तब पुलिस को पूरा मामला समझ आया।

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आरोपी ने किया चौंकाने वाले खुलासा

पुलिस ने बताया कि बदले की आग में इस घटना को अंजाम दिया गया था और 5 लोगों को मौत के घाट उतारा गया था। आरोपियों ने चाचा के पूरे परिवार को खत्म कर दिया था। शुरुआत में घटनास्थल से कोई साक्ष्य नहीं मिले और आरोपी पुलिस को गुमराह करके बेखौफ घूमता रहा। आरोपी काफिर शातिर निकला और किसी होटल में रुकने की बजाय स्टेशन पर सोकर खुद को छिपाए रखा। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने चौंकाने वाले खुलासे किए और कहा कि अगर चाचा बच जाते तो हम भी नहीं बचते।