Yogi cabinet expansion, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई है. PM मोदी और CM योगी की दिल्ली में हुई 1 घंटे से ज्यादा की मुलाकात के बाद ये अटकलें लगाई जा रही हैं. उपचुनाव और नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन भी होने की बात सामने आई है. जिसमें योगी कैबिनेट में 6 नए मंत्रियों की एंट्री हो सकती है. वहीं कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव भी संभव है. इसके अलावा कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है.

बता दें कि पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े दो दिवसीय लखनऊ दौरे पर आए थे. उनके इस दौरे ने संगठन चुनाव के बीच योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi cabinet expansion) की चर्चाओं को तेज कर दिया. फेरबदल की इन चर्चाओं ने कई मंत्रियों की बेचैनी बढ़ा रखी है. किसी को मंत्री पद छिनने का डर है, तो किसी को विभाग ना बदले इसकी चिंता है. हालत ये है कि जो मंत्री कल तक मनचाहा जिला अध्यक्ष बनवाने को दिल्ली तक जोर आजमाइश में जुटे थे. वो ये सब छोड़कर पहले अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लग गए हैं.

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अपने प्रवास के दौरान विनोद तावड़े ने सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कई नेताओं के साथ मंत्रिमंडल विस्तार (Yogi cabinet expansion) पर चर्चा की थी. प्रदेश में अभी 21 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 19 राज्यमंत्री हैं. जिनकी कुल संख्या 54 है. सरकार में 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं. यानी 6 पद अब भी खाली हैं, जो इस बार भरे जा सकते हैं.

2027, जाति समीकरण और वोट बैंक पर हो सकता है फोकस

सूबे में दो साल बाद (2027) विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी योगी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं. इनके अलावा जाति समीकरण को साधने के लिए भाजपा दलित और पिछड़े वर्ग से भी एक-एक मंत्री बना सकती है. वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को की नियुक्ति की जाएगी. हालांकि भाजपी की रणनीति हमेशा चौंकाने की रही है. अब योगी की ‘मंडली’ में किसको एंट्री मिलेगी और किसका क्या छिनेगा ये जल्द ही पता चलने वाला है.