कुंदन कुमार, पटना। मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़ित बच्ची की मौत के बाद अब पीएमसीएच प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि पीएमसीएच में इमरजेंसी के लिए ट्रायज बनाया जाएगा, जहां गंभीर मरीज तुरंत भर्ती होंगे. गौरतलब है कि दुष्कर्म पीड़िता को बेड नहीं मिलने के कारण उसे अस्पताल के बाहर लगभग 8 घंटे तक एंबुलेंस में रहना पड़ा था. समय से इलाज नहीं मिलने के चलते उसकी मौत हो गई. घटना को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है.
बैठक में लिए गए ये ठोस निर्णय
कल शुक्रवार को अधीक्षक ने सभी विभाग के अध्यक्ष के साथ बैठक की और यह निर्णय लिया कि गंभीर मरीजों को भर्ती करने से लेकर सर्जरी तक के लिए ओपीडी बनेगा. हड्डी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और मेडिसिन विभाग के एक-एक डॉक्टर को रोजाना ड्यूटी लगेगी. यह डॉक्टर गंभीर मरीजों को काउंसलिंग करने के बाद उनका इलाज करेंगे और जरूरत के अनुसार संबंधित विभाग में रेफर करेंगे. हालांकि पीएमसीएच की पुरानी इमारत में पहले ट्रायज रूम था, लेकिन बिल्डिंग तोड़ने के दौरान उसे बंद कर दिया गया है. आईजीएमएस और पटना एम्स में इसकी सुविधा है.
बच्ची के इलाज के लिए भटकते रहे परिजन
गौरतलब है कि बीते 31 मई को दुष्कर्म पीड़ित बच्ची के इलाज के लिए लगभग 8 घंटे तक परिजन भटकते रहे थे. बाद में उसे भर्ती किया गया और अगले दिन ही उसकी मौत हो गई. इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए वहां के उपाधीक्षक को हटा दिया. वहीं, अब पीएमसीएच प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि इमरजेंसी के मरीजों को तुरंत भर्ती करने के लिए ट्रायज बनाया जाएगा. यह सुविधा एक सप्ताह के अंदर बहाल कर दी जाएगी.
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