बलांगीर. ओडिशा में भाजपा सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज बलांगीर जिले में आयोजित राज्य स्तरीय ‘कृषक शक्ति सम्मेलन’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने किसानों को सशक्त बनाने और उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.

मुख्यमंत्री ने कहा, “चुनाव के दौरान हमारा प्रमुख वादा था कि राज्य के लाखों किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाया जाएगा. आज हमें गर्व है कि हम इस वादे को पूरा कर रहे हैं.” उन्होंने बलांगीर जिले के बढ़ते राजनीतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिले से अब दो मंत्री राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हैं. उन्होंने कहा, “यह न केवल डबल इंजन सरकार है, बल्कि ट्रिपल इंजन सरकार है, और जिला अब पहले की तुलना में तीन गुना तेजी से विकास देख रहा है.”
माझी ने बताया कि ओडिशा की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इस साल मई तक राज्य ने 78,681 कृषि मशीनें वितरित कीं, जिनके लिए 459.68 करोड़ रुपये की सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में दी गई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अन्नदाता’ के रूप में किसानों को सम्मान देने के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य की कृषि योजनाएं विकसित कृषि के लिए राष्ट्रीय अभियान के अनुरूप हैं.
मुख्यमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 15 लाख हेक्टेयर गैर-सिंचित भूमि तक सिंचाई सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख योजनाओं का उल्लेख किया:
मुख्यमंत्री किसान योजना: शहरी क्षेत्रों सहित किसानों को 4,000 रुपये की वित्तीय सहायता.
- पीवीटीजी और सीमांत किसान सहायता: अक्षय तृतीया के अवसर पर 50.02 लाख छोटे और सीमांत किसानों, पीवीटीजी और शहरी किसानों को 1,025 करोड़ रुपये वितरित.
- कृषि विद्यानिधि योजना: किसानों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति.
- बलभद्र जैविक मिशन: रासायन-मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा.
- अमृत अन्न परियोजना: जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद में ओडिशा में उग ड़ी सुगंधित जैविक चावल का उपयोग और इसका विस्तार.
- श्री अन्न अभियान: मिलेट्स और भूले-बिसरे अनाजों पर ध्यान केंद्रित कर किसानों की आय और पोषण में सुधार.
- बिकसित कृषि संकल्प अभियान: पुरी के सखीगोपाल से शुरू किया गया कृषि-आधारित आजीविका सुधार का राष्ट्रीय अभियान.