भुवनेश्वर. ओडिशा के कृषि क्षेत्र को एक बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि नुआपाड़ा जिले के आमों ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाई है. खरियार और बोडेन ब्लॉक के 50 किसानों द्वारा उगाए गए 600 क्विंटल आम जर्मनी को निर्यात किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय किसान काफी खुश है. इस पहल की शुरुआत दुर्कमुंडा गांव के 11 क्विंटल आमों की पहली खेप को जर्मनी भेजने के साथ हुई. नुआपाड़ा जिला कलेक्टर मधुसूदन दास ने इस पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

सरकारी सहयोग से बढ़ा किसानों का उत्साह
राज्य सरकार ने निर्यात प्रक्रिया को सुगम बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है, जिससे किसानों में उत्साह का माहौल है. उन्होंने बेहतर विपणन और वितरण चैनलों के लिए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसके कारण उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच रहे हैं. निर्यात के लिए आमों को सावधानीपूर्वक क्रेट में पैक किया जाता है, फिर ट्रकों के माध्यम से कोलकाता भेजा जाता है. वहां से ये आम हवाई मार्ग से जर्मनी पहुंचाए जाते हैं, ताकि उनकी गुणवत्ता और ताजगी बरकरार रहे.
वैश्विक मांग में वृद्धि के साथ, नुआपाड़ा के किसान भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशावादी हैं. वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनके उत्पाद राष्ट्रीय सीमाओं से परे और अधिक अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचेंगे. यह उपलब्धि न केवल स्थानीय किसानों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि ओडिशा के कृषि क्षेत्र के लिए भी एक नया अध्याय शुरू करती है.