Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हमले तेज हो गए हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं. सरकार से प्रदेश की समस्याओं को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इसी बीच उनके बयान पर JDU नेता राजीव रंजन प्रसाद ने पलटवार किया है.

तेजस्वी यादव की खुद की योग्यता क्या है?

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सियासत में यह बात बहुत अहम है कि सवाल खड़े करने वाले की साख और विश्वसनीयता क्या है? तेजस्वी यादव की खुद की योग्यता क्या है? उन्हें जरूर बताना चाहिए कि राजनीति में आने से पहले उन्होंने कौन सा संघर्ष किया है? पार्टी के नेता प्रतिपक्ष और दो साल तक उप मुख्यमंत्री रहे. अब ऐसी उन्हें जरूर बताना चाहिए कि राजनीति में आने से पहले उन्होंने कौन सा संघर्ष किया है?

तेजस्वी के पास डिप्लोमा डिग्री भी नहीं

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव का किस आंदोलन के गर्व से उनका जन्म हुआ? जैसे उनके पिता बिहार आंदोलन के गर्व से आए और लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आंदोलन में हजारों लाखों लोग शामिल हुए. जिसमें लालू यादव भी थे. तेजस्वी यादव लालू यादव के पुत्र होने के शिवा, जिनके पास सामान्य तौर पर एक राजनेता के पास जो डिप्लोमा डिग्री होती है वो भी नहीं है. इतने पढ़ लिखे भी नहीं हैं कि विजनरी लीडर के तौर पर उनसे बिहार को कोई उम्मीद हो. लेकिन सवाल दागते राहेंगे.

विधानसभा चुनाव में कुछ और भाई-बहन अपनी बारी का इंतजार करेंगे

जेडीयू नेता ने कहा कि पिताजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, माता जी विधानपरिषद में पार्टी की नेता. स्वयं नेता प्रतिपक्ष, भाई विधायक हैं, लेकिन जब मौका मिला तो दो बार मंत्री भी बने, बहन लोकसभा की सदस्य हैं. एक बहन भले ही चुनाव हार गई हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया. नि:संदेह अगर अवसर मिलेगा, तो फिर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय से इनके कुछ और भाई बहन अपनी बारी का इंतजार करते दिखेंगे.

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तेजस्वी यादव अबकी नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बन पाएंगे

तेजस्वी यादव द्वारा निशांत कुमार के राजनीति में एंट्री को लेकर दिए बयान पर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जब आपकी नैय्या डूबने वाली हो, मुंगेरी लाल के हसीन सपने पूरे नहीं होने वाले हों, तेजस्वी के लिए परेशानी यही आ रही है कि जमीनी तौर पर उनको मालूम है कि उनकी पार्टी का बिहार की जनता बुरा हाल करने वाली है. फजीहत होने वाली है, 2010 से भी बुरे नतीजे हो सकते हैं. नि:संदेह नेता प्रतिपक्ष के तौर पर जो कई सुविधाएं हासिल हैं, इतने विधायक भी नहीं होंगे कि वो नेता प्रतिपक्ष न बन पाएं… सरकार बनाने का दावा तो एक अलग बात है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर व्यक्ति आक्षेप और लगातार उनका वार मर्यादा की लक्ष्मण रेखा पार करती जा रही है. बिहार की जनता को उनको करारा जवाब देने जा रही है.

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