अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। जिनमें तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति, नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने और शासकीय मोबाइल प्रदान करने जैसे कई प्रमुख मांगें हैं।

कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने यह भी कहा कि पहले हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे पहले भी हमने शासन से मांग की थी जिस पर ध्यान नही दिया गया है इसलिए पुनः मांग किया जा रहा है जिसमें 21 से 26 जुलाई तक संसाधन बहिष्कार, 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामुहिक अवकाश, 29 जुलाई को संभाग स्तर पर व 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन यदि इसके बाद भी हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो फिर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करेंगे। ज्ञापन देने वाले में पूरे जिले से तहसीलदार व नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

यह है 17 सूत्रीय मांग

  1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप की पदस्थापना

सभी तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, WBN, KGO, नायब नाज़िर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक, आदेशिका वाहक, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। यदि संभव न हो तो संबंधित तहसील को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए।

  1. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति प्रक्रिया

सीधी भर्ती और पदोन्नति का अनुपात पूर्व की भांति 50:50 रखा जाए और पूर्व में की गई घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।

  1. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित करने की मांग

इस आशय की पूर्व घोषणा का तत्काल क्रियान्वयन किया जाए।

  1. ग्रेड पे में शीघ्र सुधार

तहसीलदार और नायब तहसीलदार के लंबित ग्रेड पे सुधार को शीघ्र किया जाए।

  1. शासकीय वाहन की उपलब्धता

सभी तहसीलों में कार्यवाही, प्रोटोकॉल एवं लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी हेतु शासकीय वाहन व चालक की व्यवस्था हो या वाहन भत्ता प्रदान किया जाए।

  1. निलंबन से बहाली

बिना वैध प्रक्रिया, नियमित आदेश या अभियोजन कार्रवाई से प्रभावित तहसीलदारों/नायब तहसीलदारों को 15 दिवस में जांच पूर्ण कर बहाल किया जाए।

  1. न्यायालयीन प्रकरणों में आदेशों का पालन

न्यायालयीन मामलों को जनशिकायत/जनशिकायत प्रणाली में स्वीकार न किया जाए।

  1. न्यायालयीन आदेशों पर FIR नहीं

न्यायाधीश प्रोटेक्शन act 1985 के सन्दर्भ मे शासन द्वारा जारी आदेश 2024 का कड़ाई से पालन किया जाए। हर वो मामला जिसमे अपील का प्रावधान सहिता में निहित हैं तो किसी भी अन्य न्यायालय में परिवाद पेश ना कि जा सके। जिससे FIR कि स्थिति ना बने (केवल न्यायालयीन प्रकरण के सन्दर्भ में)।

  1. कोर्ट में उपस्थिति व्यवस्था

न्यायालयीन कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रोटोकॉल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था की जाए।

  1. लैबोरेटरी भुगतान एवं ऑफर

आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ की नियुक्ति के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया जाए।

  1. प्रशिक्षित ऑपरेटर की नियुक्ति

Agristack, स्वामित्व योजना, e-Court, भू-अभिलेख जैसे तकनीकी कार्यों के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर नियुक्त किए जाए।

  1. SLR/ASLR की बहाली

तहसीलदारों की पर्याप्त संख्या को देखते हुए SLR/ASLR को पुनः भू- अभिलेखीय कार्यों हेतु बहाल किया जाए।

  1. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता

TI की भांति पदेन शासकीय मोबाइल नंबर और डिवाइस प्रदान किया जाए.

  1. राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा हेतु सुरक्षाकर्मी

जाए. प्रत्येक तहसील में सुरक्षा कर्मी की तैनाती एवं फील्ड भ्रमण हेतु वाहन उपलब्ध कराया।

  1. सड़क दुर्घटना मुआवजा की व्यवस्था

सड़क दुर्घटना में तहसीलदारों के माध्यम से आर्थिक सहायता राशि ₹25000 तत्काल मौके पर देने की मांग आती है। परंतु तत्काल में राशि उपलब्ध नहो होती है. उक्त राशि मौके पर दिए जाने के संबंध में शासन से स्पस्ट गाइडलाइन्स जारी हो। इसके अलावा भी अन्य कई घटनाओं में तहसीलदारों से ही मौके पर मुआवजा राशि की अपेक्षा की जाती है। उसके सम्बन्ध में भी गाइडलाइन्स स्पष्ट जारी हो।

  1. संघ की सिद्धांत

प्रदेश के समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार संघ के सदस्य है। अतः शासन के समक्ष मांगें प्रस्तुत करने व समाधान के लिए वार्ता एवं पत्राचार में संघ को की मान्यता दी जाए।

  1. विशेषज्ञ कमिटी का गठन 

प्रदेश में राजस्व न्यायालय के संदर्भ में सलाह व अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किये जाने हेतु राजस्व न्यायालय सुदृढ़ीकरण तहत विशेषज्ञ कमिटी/परिषद का गठन किया जाए।