लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि जब से भाजपा की सरकार आई तब से चुनाव में शिकायत पर उत्तर प्रदेश में कोई अधिकारी नहीं हटाया गया है। समाजवादी सरकार की सरकार के समय चुनाव के समय कई अधिकारी हटा दिए गये थे। इसका मतलब है कि चुनाव आयोग भाजपा का कहना ज्यादा मानता है। हम चुनाव आयोग से शिकायत करते है तो कोई कार्रवाई नहीं होती है। लगता है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करता है। भाजपा की छिबरामऊ से विधायक ने अपने बूथ पर चार सौ फर्जी वोट बनवाए थे। चुनाव आयोग को देखना चाहिए कि भाजपा के लोग अपने बूथों पर ज्यादा वोट क्यों बनवाते हैं।
शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई
अखिलेश यादव ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी ने आम चुनाव से लेकर उपचुनाव तक कई अधिकारियों की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कितने अधिकारी ट्रांसफर हुए थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2019, विधानसभा चुनाव 2022 और लोकसभा चुनाव 2024 में शिकायत पर एक भी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं हुए। 2014 लोकसभा चुनाव में तथा 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा चुनाव में जिस अधिकारी की शिकायत कर देती थी उसका ट्रांसफर हो जाता था। भाजपा की सरकार के दौरान चुनाव में विपक्ष शिकायत करता रहा लेकिन अधिकारियों को नहीं हटाया गया। इस सबके लिखित दस्तावेज हैं।
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उपचुनाव में वोट की डकैती हुई
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में अभी उपचुनाव में जो देखने को मिला वैसा कभी नहीं हुआ था। उपचुनाव में वोट की सामान्य चोरी नहीं डकैती हुई थी। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि पुलिस ही वोट डालेगी। पुलिस ने प्राइवेट ड्रेस में वोट डाला। जिस विधान सभा क्षेत्र में भाजपा 2022 का चुनाव हारी थी, वहां उसे उपचुनाव में 77 फीसदी वोट कैसे मिल गए? चुनाव आयोग ने हमें नोटिस दिया था। हमने नोटिस के समय के अन्दर अपने कार्यकर्ताओं से सहयोग लेकर कम समय में 18 हजार एफिडेविट बनवाए। 18 हजार एफिडेविट देने के बाद अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो चुनाव आयोग पर कौन भरोसा करेगा? समाजवादी पार्टी ने जो एफिडेविट दिए है, हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, तथा सरकार को भी निर्देशित करेगा कि उन पर कार्रवाई करें।
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2022 चुनाव में वोट काटे गए
अखिलेश ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि कुर्सी, शाहगंज, छिबरामऊ, श्रावस्ती, मड़ियाहूं में समाजवादी पार्टी बहुत कम अंतर से चुनाव हारी। वहां के डिलेटेड वोट देखा जाय तो वह ज्यादा था। लोकसभा चुनाव 2019 में जिन लोगों ने वोट डाले थे 2022 विधानसभा चुनाव में उनके वोट कट गए। उन्होंने कहा कि अगर वोट बनवाने की एक प्रक्रिया है तो वोट कटवाने की भी प्रक्रिया है। हमारी मांग है कि एक जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाय।
पूरे देश में वोट चोरी रूक जाएगी। चुनाव में जानबूझ कर पिछड़ों का वोट काटा गया। इसमें बिंद समाज, मौर्य समाज, पाल समाज, बघेल समाज, राठौर समाज समेत अन्य लोगों का वोट काटा गया। पहले पिछड़ों का वोट काट दिया जाता है। भाजपा चुनाव जीत लेती है तो ऐसा शो कराती है कि उसे पिछड़ा वोट मिल रहा है जबकि सच्चाई यह है कि वोट डिलीट किए गए।
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