पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सियासी जंग चरम पर है। शनिवार को राजद नेता और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की खगड़िया रैली रद्द कर दी गई। तेजस्वी ने इसे तानाशाही का उदाहरण बताया और जिला प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया।

दरअसल, जिला प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे की वजह से तेजस्वी यादव के हेलिकॉप्टर को उतरने की अनुमति नहीं दी। प्रशासन का कहना था कि अमित शाह की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एक ही दिन और एक ही इलाके में दो बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों की अनुमति देना संभव नहीं था।

तेजस्वी यादव ने इस फैसले को लेकर नाराजगी जताई और सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी जनसभा को रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। उन्होंने कहा कि मेरी रैली को रद्द कर दिया गया है, यह तानाशाही है। प्रशासन भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। अगर भाजपा की रैली के लिए अनुमति दी जा सकती है, तो विपक्ष की क्यों नहीं?

अमित शाह की खगड़िया रैली

इसी दिन गृह मंत्री अमित शाह खगड़िया के जननायक कर्पूरी ठाकुर (जेएनकेटी) मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बिहार की जनता को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य को फिर से जंगलराज में नहीं लौटने देना चाहिए।

शाह ने कहा कि आज से छठ का महापर्व शुरू हो गया है। मैं बिहार के सभी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि बिहार जंगलराज से मुक्त रहे, कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहे, बहन-बेटियां सुरक्षित रहें और बिहार एक विकसित राज्य बने।

उन्होंने महागठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि हमने बिहार को नक्सलवाद से मुक्त किया है। अब चुनाव यह तय करेगा कि बिहार में जंगलराज वापस लाना है या विकास का राज। अगर लालू-राबड़ी की सरकार सत्ता में आई, तो जंगलराज भी साथ आएगा। NDA की सरकार बनी, तो बिहार विकास की नई पहचान बनेगा।

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बिहार के विकास की असली ताकत हैं। उन्होंने कहा, महागठबंधन, लठबंधन जिनका भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड है, क्या वे बिहार का विकास कर सकते हैं? केवल नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार, जिन पर एक पैसे के भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है, बिहार को आगे ले जा सकते हैं। NDA गठबंधन में पांच पांडव हैं — इन्हें आशीर्वाद दें और विजयी बनाएं।