भोपाल। मध्यप्रदेश में नवंबर की शुरुआत के साथ ही कड़ाके की ठंड ने दस्तक दे दी है। हिमालयी राज्यों में हो रही ताजा बर्फबारी के कारण उत्तर से आ रही शुष्क ठंडी हवाओं ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। पिछले 24 घंटों में रात के तापमान में औसतन 6.1 डिग्री सेल्सियस तक की भारी गिरावट दर्ज की गई है।

सबसे ठंडा रहा राजगढ़

राजगढ़ जिले में रात का पारा लुढ़ककर 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो राज्य में सबसे कम है। इसके बाद धार में 14.1, गुना में 14.7 और नौगांव में 15.1 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ।

बड़े शहरों में भी कांपा MP

  • भोपाल: 13.0°C
  • इंदौर: 12.1°C (पिछले 10 साल में नवंबर की पांचवीं सबसे ठंडी रात)
  • उज्जैन: 14.5°C
  • ग्वालियर: 16.3°C
  • जबलपुर: 18.3°C

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इंदौर में पिछले साल नवंबर में न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री तक गया था, यानी इस बार भी रिकॉर्ड तोड़ने की कगार पर है।

दिन का तापमान भी 30°C से नीचे

गुरुवार को अधिकांश शहरों में दिन का पारा 30 डिग्री से नीचे रहा।

  • भोपाल: 28.4°C
  • इंदौर: 28.3°C
  • ग्वालियर: 28.6°C
  • उज्जैन: 29.5°C
  • जबलपुर: 30.7°C

दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा और खरगोन को छोड़कर बाकी सभी शहरों में दिन भी ठंडा रहा।

हिमालय की बर्फबारी से मैदानों तक असर

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। गुलमर्ग, केदारनाथ-बद्रीनाथ, लाहौल-स्पीति और किन्नौर बर्फ की मोटी चादर से ढक गए हैं। इन ठंडी हवाओं का असर अब पंजाब, हरियाणा होते हुए मध्यप्रदेश तक पहुंच गया है।

दो मौसमी सिस्टम सक्रिय

उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। हालांकि इनका मध्यप्रदेश पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ठंडी हवाओं की रफ्तार और बढ़ जाएगी।

पिछले 10 साल का ट्रेंड जारी

मौसम विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि पिछले दशक में नवंबर में ठंड और कभी-कभी बारिश का पैटर्न रहा है। इस साल भी यही दोहराया जा रहा है। अक्टूबर में राज्य में 121% अधिक बारिश (औसत 2.8 इंच) दर्ज हुई।

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