दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी देने की नीति को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से गुरुवार (13 नवंबर) को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई। सीएमओ के अनुसार, यह निर्णय बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में दंगा पीड़ित परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अनुकंपा नियुक्ति की नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया, “नई नीति की एक प्रमुख विशेषता यह है कि पीड़ितों के आश्रितों, जो अब 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं और रोजगार करने में असमर्थ हैं, को नौकरी के लिए अगली पीढ़ी के सदस्य जैसे बेटा, बेटी, बहू या दामाद को नामित करने का विकल्प होगा।”
‘नई नीति रोजगार सहायता की दिशा में ठोस कदम‘
उन्होंने आगे कहा, “नई नीति रोजगार सहायता के लंबे समय से लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने की दिशा में एक ठोस कदम है, जो 2007 के कैबिनेट निर्णय के बाद से अनसुलझे रहे हैं। पिछले 18 वर्षों से यह प्रक्रिया विभिन्न प्रशासनिक कारणों से पूरी नहीं हो पाई थी।” मुख्यमंत्री ने बताया कि अब सरकार एक स्पष्ट, संरचित और समयबद्ध नीति लागू कर रही है, जिससे यह लंबा विलंब समाप्त हो जाएगा।
नई नीति में आयु के अलावा, शैक्षिक योग्यता में छूट
सीएम रेखा गुप्ता ने यह भी कहा, “सभी पात्र परिवारों को शीघ्र रोजगार सहायता मिलेगी, जिससे कोई भी वास्तविक दावेदार वंचित नहीं रहेगा। आयु के अलावा, शैक्षिक योग्यता में छूट को भी नीति में शामिल किया गया है। नीति के सभी प्रावधान दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों और निर्धारित कानूनी ढांचे का अनुपालन करेंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियुक्तियों की पारदर्शिता के लिए सत्यापन, शिकायत निवारण और विभागीय आवंटन का एक स्पष्ट और पारदर्शी तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, जवाबदेह और प्रभावी बन सके।
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