Bhai Dooj 2024: भाई दूज 3 नवंबर को मनाई जा रही है. इस विशेष पर्व को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन यमराज और चित्रगुप्त की पूजा की जाती है. हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर में पौराणिक महत्व वाला यमराज का एक प्राचीन मंदिर है. बाहर से यह मंदिर एक घर जैसा दिखता है. यमराज के भय और असामयिक मृत्यु से बचने के लिए भाई दूज के दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यह यमराज के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है.
Bhai Dooj 2024: चित्रगुप्त एक खाली कमरे में रहते हैं
इस मंदिर में एक खाली कमरा है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह चित्रगुप्त का कमरा है. चित्रगुप्त यमराज के सचिव हैं जो आत्मा के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो यमराज के दूत उस व्यक्ति की आत्मा को अपने कब्जे में ले लेते हैं और उसे सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने पेश करते हैं.
यम मंदिर के बारे में खास बातें
हिमाचल प्रदेश के यम मंदिर में चार द्वार हैं जो अदृश्य हैं. ऐसा माना जाता है कि ये दरवाजे सोने, चाबियों, तांबे और लोहे से बने हैं. गरुड़ पुराण में यमराज के दरबार में चार दिशाओं में चार द्वारों का भी उल्लेख है.
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद यमदूत सबसे पहले उसकी आत्मा को इसी स्थान पर लाते हैं. यहां चित्रगुप्त की गणना यह तय करती है कि आत्मा को स्वर्ग भेजा जाए या नर्क. कर्म के आधार पर आत्मा को चारों द्वारों में से किसी एक द्वार से आगे भेजा जाता है. जिनके कर्म अच्छे होते हैं, उनकी आत्मा स्वर्ण द्वार से आगे निकल जाती है.
लोक मान्यता है कि अधिकांश चित्रगुप्त आत्मा के आने पर उसे उसकी गतिविधियों के बारे में बताते हैं. इसके बाद चित्रगुप्त आत्मा को यमराज के कक्ष में ले जाते हैं. इस कमरे को यमराज का दरबार कहा जाता है. यहीं पर यमराज तय करते हैं कि आत्मा की भविष्य में सफलता क्या होगी.
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