Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नगरकुर्नूल (Nagarkurnool) सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों से रेस्क्यू टीम महज 40 मीटर दूर है. लेकिन बचाव दल के लोग आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. सुरंग के अंदर पानी का बढ़ता स्तर और कीचड़ के बहाव के चलते बचाव काम में काफी दिक्कतें आ रही हैं. मजदूरों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों को भी लाया गया. हालांकि पानी की मौजूदगी के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाए. रेस्क्यू टीम का श्रमिकों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया है. ऐसे में उनके जिंदा रहने की संभावना कम है.

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तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग का एक हिस्सा धंस जाने के कारण मलबे में 8 मजदूर सुरंग के अंंदर फंसे हुए है. मजदूरों के बचने की संभावनाएं लगातार कम होती दिख रही है. मजदूरों बचाने के अन्य रास्ता तलाशने तेलंगाना सरकार ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के विशेषज्ञों की मदद ली है.

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नागरकुरनूल के कलेक्टर बी. संतोष ने मंगलवार को कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले सुरंग की स्थिरता को ध्यान में रखा गया है और पानी निकालने का काम जारी है. जीएसआई और एनजीआरआई के विशेषज्ञों के अलावा एलएंडटी की ऑस्ट्रेलियाई इकाई को भी शामिल किया है. जिन्हें सुरंगों के बारे में व्यापक अनुभव है.

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कलेक्टर बी.सतोष ने कहा, अब तक हम फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं कर पाए हैं. हम भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और कुछ अन्य लोगों की सलाह ले रहे हैं. फिलहाल सुरंग से पानी निकाले का काम जारी है और हम आगे की ओर बढ़ रहे हैं. आगे की कदम के लिए जीएसआई और एनजीआरआई की सलाह ले रहे हैं.

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इसके अवाला एलएंडटी के विशेषज्ञ भी यहां आ चुके हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि यह टीम आखिरी पचास मीटर तक नहीं जा पा रही हैं, जहां आठ लोग फंसे हुए हैं क्योंकि वहां कीचड़ और मलबा जमा हो गया है. वहीं तेलंगाना मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों के जीवित बचे होने की संभावना बेहद कम है. मजदूरों को निकालने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे, क्योंकि दुर्घटना स्थल कीचड़ और मलबे से भरा है, जिससे बचावकर्मियों के लिए काम कर पाना कठिन हो गया है.

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रेट माइनर्स भी रेस्क्यू टीम में शामिल

मिली जानकारी के अनुसार टनल बोरिंग मशीन बढ़ते पानी के कारण लगभग 200 मीटर आगे खिसक गई है। इसके अलावा मलबा निकालने वाला कन्वेयर बेल्ट भी क्षतिग्रस्त हो गया है. इसकी वजह से बचाव कार्य कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. बता दें कि 2023 में उत्तराखंड में सिल्क्यारा बेंड-बरकोट सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने वाले ‘रैट माइनर्स’ की 6 सदस्यीय टीम सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम में शामिल हो गई है.

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