Ramadan 2025 : आज से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. रमजान सिर्फ इबादत और उपवास का महीना नहीं, बल्कि आत्म सुधार, धैर्य, परोपकार और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी है. रमजान इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीना माना जाता है और इससे जुड़ी कई रोचक बातें हैं.

1. कुरान का अवतरण

रमजान के महीने में ही पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) पर पहली बार कुरान का अवतरण हुआ था. इसे “लैलतुल क़द्र” (शब-ए-क़द्र) की रात कहा जाता है, जो रमजान के अंतिम अशरे (आखिरी 10 दिनों) में आती है.

2. रोज़े का मकसद

रोज़ा (उपवास) केवल खाने-पीने से परहेज़ नहीं है, बल्कि यह आत्मसंयम, धैर्य और आध्यात्मिक शुद्धि का अभ्यास है. इसमें गलत विचारों, झूठ बोलने, गुस्सा करने और बुरी आदतों से बचने की कोशिश की जाती है.

3. सेहरी और इफ्तार

सेहरी सूर्योदय से पहले किया जाने वाला भोजन, जिससे दिनभर की ऊर्जा मिलती है. इफ्तार सूर्यास्त के बाद रोज़ा खोलने का समय. इसे आमतौर पर खजूर और पानी से खोला जाता है, क्योंकि पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) भी इसी तरह रोजा खोलते थे.

4. खजूर का महत्व

खजूर सिर्फ स्वाद के लिए नहीं खाया जाता, बल्कि यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देने वाला सुपरफूड है. इसमें फाइबर, शुगर और जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो उपवास के बाद शरीर को रीएनर्जी देते हैं.

5. तरावीह की नमाज

रमजान में रात को विशेष नमाज “तरावीह” पढ़ी जाती है, जिसमें कुरान का एक बड़ा हिस्सा सुनाया जाता है. पूरे महीने में पूरा कुरान तरावीह में सुनाने की परंपरा है.

6. ज़कात और सदका (दान)

रमजान में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए ज़कात (अनिवार्य दान) और सदका (स्वैच्छिक दान) देने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस महीने में नेकियों का फल 70 गुना तक बढ़ जाता है.

7. सबसे लंबा और सबसे छोटा रोज़ा

पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में दिन की लंबाई अलग होती है, इसलिए कुछ जगहों पर रोज़े की अवधि 20+ घंटे तक हो सकती है (जैसे नॉर्वे, आइसलैंड). वहीं, कुछ जगहों पर यह सिर्फ 11 घंटे का होता है (जैसे चिली, अर्जेंटीना).

8. ईद-उल-फितर का उत्सव

रमजान के अंत में ईद-उल-फितर मनाई जाती है, जिसे “मीठी ईद” भी कहते हैं. इस दिन विशेष नमाज अदा की जाती है और परिवार व दोस्तों के साथ मिठाइयां (जैसे सेवइयां) बांटी जाती हैं.