
India’s Vehicle Sales Crash : भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में फरवरी महीने में वाहनों की खुदरा बिक्री को लेकर रिपोर्ट सामने आई है. फाडा (Federation of Automobile Dealers Associations of India) की रिपोर्ट में सामने आया कि वाहनों की खुदरा बिक्री में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट आई है. फरवरी 2025 में भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में 7.19% की सालाना गिरावट और 17.12% की मासिक गिरावट दर्ज की गई.

बता दें कि FADA की ओर से खुदरा बिक्री की रिपोर्ट पेश की जाती है, जिससे देश में वाहनों की रिटेल सेल्स कैसी रही यह मालूम पड़ता है. पिछले महीने घरेलू बाजार में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री 18,99,196 इकाई रही, जो 2024 की समान अवधि के 20,46,328 इकाई की तुलना में सात प्रतिशत कम है. जानकारी के मुताबिक मंंथली बेसिस पर बिक्री में 17.12 फीसदी की कमी आई है.
फाडा रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल के फरवरी महीने में देशभर में 18,99,196 यूनिट्स की बिक्री हुई है. जिसमें दो पहिया, तीन पहिया, कमर्शियल, निजी और ट्रैक्टर सेगमेंट के वाहन शामिल हैं. जहां जनवरी में यह संख्या 22,91,621 यूनिट्स बिकी. वहीं फरवरी 2024 में देशभर में कुल 20,46,328 यूनिट्स बिकी.

कुल बिक्री के आंकड़े
फरवरी 2025: 18,99,196 यूनिट्स
जनवरी 2025: 22,91,621 यूनिट्स
फरवरी 2024: 20,46,328 यूनिट्स
सभी श्रेणियों में आई गिरावट
2025 के फरवरी महीने में वाहनों के लगभग सभी श्रेणियों में गिरावट देखने को मिली है. जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में मंदी का संकट छाने के संकेत हैं.
दो पहिया वाहन :
- फरवरी 2025 : 13,53,280 यूनिट्स
- फरवरी 2024 : 14,44,674 यूनिट्स
- जनवरी 2025 : 15,25,862 यूनिट्स
कार :
- फरवरी 2025 : 3,03,398 यूनिट्स
- फरवरी 2024 : 3,38,390 यूनिट्स
- जनवरी 2025 : 4,65,920 यूनिट्स
तीन पहिया वाहन :
- फरवरी 2025 : 94,181 यूनिट्स
- फरवरी 2024 : 96,020 यूनिट्स
- जनवरी 2025 : 1,07,033 यूनिट्स
ट्रैक्टर सेगमेंट :
- फरवरी 2025 : 65,574 यूनिट्स
- फरवरी 2024 : 76,693 यूनिट्स
- जनवरी 2025 : 93,381 यूनिट्स
कमर्शियल वाहन :
- फरवरी 2025 : 82,763 यूनिट्स
- फरवरी 2024 : 90,551 यूनिट्स
- जनवरी 2025 : 99,425 यूनिट्स
गिरावट की क्या है वजह
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा कि पिछले 5 महीनों से शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है. इसकी वजह से लोगों के गैर-जरूरी खर्चे घट गए हैं और ग्राहक अपनी खरीदारी को टाल रहे हैं. लोग काफी सतर्क हो गए हैं और वाहनों, खास तौर पर दोपहिया और यात्री वाहनों की पूछताछ से लेकर उसे खरीदने में अब लंबा समय ले रहे हैं. इसके अलावा फाइनैंस की कम उपलब्धता भी एक समस्या है.
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