कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में मतदाता सूची में अनियमितताओं पर चर्चा की आवश्यकता जताई. रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श होना चाहिए. जब अन्य सदस्यों ने भी इसी तरह की मांग की, तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मजाक में कहा कि क्या सरकार मतदाता सूची तैयार करती है. यदि ऐसा नहीं है, तो चर्चा की आवश्यकता क्या है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि हम आपकी बात मानते हैं कि सरकार मतदाता सूची नहीं बनाती, लेकिन हम इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष इस विषय पर चर्चा की आवश्यकता महसूस कर रहा है.

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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर सूची सरकार का निर्माण नहीं करती, लेकिन इस पर संवाद आवश्यक है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि क्या वोटर लिस्ट सरकार बनाती है? इस पर राहुल गांधी ने सहमति जताते हुए कहा कि यह सही है, सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती. उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में वोटर लिस्ट को लेकर सवाल उठ रहे हैं, विशेष रूप से विपक्ष शासित राज्यों में, जैसे महाराष्ट्र में. उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष केवल यह मांग कर रहा है कि वोटर लिस्ट पर चर्चा होनी चाहिए. आप इसे नहीं बनाते, यह हम मानते हैं, लेकिन इस पर बातचीत तो होनी चाहिए.

विपक्ष का आरोप

विपक्षी दलों द्वारा उन राज्यों में जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है, वोटर लिस्ट में नामों को गलत तरीके से हटाने और नए नाम जोड़ने का मुद्दा उठाया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी विशेष रूप से इस विषय को प्रमुखता से उठा रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची में नए मतदाताओं की संख्या इतनी अधिक है कि यह कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होती.

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लोकसभा में कनिमोझी Vs धर्मेंद्र प्रधान

लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही स्पीकर ने बताया कि उन्हें स्थगन प्रस्ताव के कई नोटिस प्राप्त हुए हैं, लेकिन किसी भी नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया है. स्पीकर ने चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की जीत पर टीम इंडिया को बधाई दी. इसके बाद, डीएमके सांसद कनिमोझी ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु के नेताओं को असभ्य कहा था. इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यदि मैंने ऐसा कहा है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं.

धर्मेंद्र प्रधान के शब्द रिकॉर्ड से हटाए गए

लोकसभा स्पीकर ने DMK सांसदों की आपत्ति के बाद शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान को रिकॉर्ड से हटा दिया है. इसके बावजूद विपक्षी नेताओं का विरोध जारी रहा. स्पीकर ने यह भी स्पष्ट किया कि सदन की मर्यादा का उल्लंघन करने वाले सदस्यों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.