लखनऊ. भटगांव मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी है. लखनऊ डिफेंस कॉरिडोर (Defence Corridor case) में 58 करोड़ रुपये के मुआवजे के खेल में नियुक्ति विभाग उन पैसों की रिकवरी की तैयारी में जुट गया है. मामले में तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash,) से रिकवरी की करने की तैयारी है. सभी दोषी अधिकारियों पर ये शिकंजा कसने वाला है. इस घोटाले में अभिषेक प्रकाश समेत 16 अधिकारी दोषी हैं.

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बता दें कि इस मामले में आईएएस अभिषेक प्रकाश रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित भी हो चुके हैं. उन पर लगातार कार्रवाई हो रही है. जांच के दायरे में उनके कई करीबी भी हैं. एक निवेशक से 5 प्रतिशत रिश्वत मांगने पर आईएएस निलंबित हुए हैं. वहीं दो पीसीएस अधिकारी हाईकोर्ट से स्टे लेकर नौकरी कर रहे हैं.
ये है मामला
गौरतलब है कि लखनऊ के पूर्व डीएम और LDA के पूर्व VC अभिषेक प्रकाश को घूसखोरी कांड में निलंबित किया गया था. आरोप है कि उन्होंने उद्योग लगाने के बदले व्यापारी से पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. गोपनीय जांच में आरोप प्रमाणित हुए. अभिषेक घूसकांड के वक्त उद्योग विभाग के अधीन इन्वेस्ट यूपी में CEO पद पर तैनात थे.
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मामले में ये हैं दोषी
इस मामले में सरोजिनी नगर सब रजिस्टार ऑफिस में तैनात कर्मी, तत्कालीन एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह , एसडीएम संतोष कुमार, शंभू शरण सिंह, आनंद कुमार सिंह,देवेंद्र कुमार सिंह जांच में दोषी पाए गए हैं. चार तत्कालीन तहसीलदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है. इसके अलावा विजय कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, उमेश कुमार सिंह, मनीष त्रिपाठी, तत्कालीन नायब तहसीलदार, कविता ठाकुर और तत्कालीन लेखपाल हरिश्चंद्र , ज्ञान प्रकाश, तत्कालीन कानूनगो राधेश्याम जितेंद्र सिंह और नैंसी शुक्ला मामले में दोषी है.
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