सुरेश परतागिरी, बीजापुर। नगर के नए बस स्टैंड से लेकर गंगालूर रोड स्थित पुलिस लाइन तक बीते तीन माह पहले लाखों रुपये की लागत से एलईडी लाइटें लगाई गई थी। लेकिन मेंटेनेंस के अभाव और घटिया क्वालिटी के चलते इन लाइटों की रोशनी वार्डवासियों को एक माह भी नसीब नहीं हो सकी। जिसके कारण लोग रोजाना अंधेरे में आवाजाही को मजबूर हैं।

वार्डवासियों का कहना है कि कुछ महीने पहले ही लाख रुपये की लागत से 150 से अधिक खंभों में नई एलईडी लाइटें लगाने का काम बाहरी ठेकेदार द्वारा किया गया था। लेकिन, यह घटिया क्वालिटी की एलईडी लाइटें कुछ दिन भी नहीं चली और बारी-बारी करके सब खराब होने लगी या फिर अपने आप बंद हो गई। इस मामले में नगर पालिका में शिकायत कि गई थी और शिकायत के बाद भी अब तक नगर पालिका न ही प्रशासन की तरफ से इस पर ध्यान दिया गया।

एलईडी बंद होने से सभी परेशान हो रहे हैं। नगर पालिका और जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण वार्ड क्रमांक-14 व वार्ड क्रमांक-15 के लोगों को अंधेरे में आवगमन करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और महिलाओं और बच्चों को हो रही है, उन्हें रात के अंधेरे में आवागमन करना पड़ रहा है। वहीं कई बार हादसे भी हो रहे हैं।

बीती रात हुई दुर्घटना

बीती रात पुलिस लाइन के पास अंधेरे में भैंस से टकराकर वार्ड क्रमांक-15 के दो मोटरसाइकिल में सवार लोग दुर्घटनाग्रस्त हुए। दुर्घटना हुए दो लोगों में एक पार्षद का भाई नंदू भंडारी भी शामिल रहा। जिसके पैर व सिर में गंभीर चोट आई है,जिनका इलाज जिला हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

वार्ड क्रमांक 15 के वार्ड पार्षद पुरुषोत्तम भंडारी ने बताया कि वे पूर्व और वर्तमान सीएमओ को कई बार मौखिक रूप से इस समस्या से अवगत करा चुके हैं। लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है, जिससे बीती रात उनके भाई नंदू भंडारी दुर्घटनाग्रस्त हो गए।

वहीं वार्ड क्रमांक 14 की पार्षद सत्यवती परतागिरी ने कहा कि उन्होंने भी सीएमओ को फोन कर इस समस्या की जानकारी दी थी, लेकिन आज तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।

नगर पालिका अधिकारी ने झाड़ा पल्ला

इस मामले में बीजापुर नगर पालिका अधिकारी बंशीलाल नुरेटी ने कहा कि यह कार्य उनके कार्यकाल में नहीं हुआ है। यह पूर्व के जो अधिकारी थे उनके समय का है, इसलिए उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।