देहरादून. उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की आपसी लड़ाई खत्म होने की नाम नहीं ले रही है. पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने पूर्व सीएम हरीश रावत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत चुनाव न लड़ने और राजनीति से संन्यास लेने की बात कर रहे हैं. लेकिन राजनीति करने वाल व्यक्ति का भरोसा करना मुश्किल है.
हरक सिंह ने कहा कि 2009 से पहले हरीश रावत ने चुनाव न लड़ने की गंगा के पास कसम खाई थी. लेकिन उसका उल्टा हुआ. उन्होंने कई चुनाव लड़े. अगर 2022 में रावत चुनाव ना लड़े होते, तो उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बन गई होती. लालकुआं विधान, रामनगर विधान सभा और सल्ट विधानसभा भी कांग्रेस जीत जाती.
राजनीति में कोई है मेरा-तेरा नहीं
पूर्व मंत्री ने कहा कि हरीश रावत 2022 के विधान सभा चुनाव मे कितने इलाकों मे चुनाव प्रचार के लिए गए एक और दो में बस उसके अलावा तो कही नहीं दिखे. मैंने पहले भी कहा था कि मेरे और तेरे के चककर मे मत पड़ो, राजनीति में कोई है मेरा-तेरा नहीं होता.
हरीश रावत ने किया पलटवार
इधर, हरिश रावत ने हरक सिंह के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि अगर मैंने न कह दिया होता तो 2022 में उन्हें कांग्रेस मे प्रवेश ही नहीं मिलता. गणेश गोदियाल जी का भरपूर आग्रह था कि उनको पार्टी में लिया जाए. जिसका मैंने सम्मान रखा ओर उनको कांग्रेस में एंट्री दी.
लोकसभा के चुनाव में कही दिखाई नहीं दिए
उन्होंने कहा कि हरक सिंह रावत को एक सीट के लिए अपने पराक्रम का नजारा दिखाना चाहिए. ताकि 2016 की कटुता कम हो सके. हरक सिंह लोकसभा के चुनाव में कही दिखाई नहीं दिए. जहां तक मुझे याद है, जो उनके लोग निकट के बताते है वो नकारात्मक प्रचार कर रहें थे. मैं नाम भी बता सकता हूं कि कौन-कौन क्या-क्या कर रहा था.
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