प्रमोद कुमार, कैमूर। भभुआ प्रखंड के भेकास में बने कैमूर जिले के एक मात्र राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन की हालत 4 साल में ही जर्जर हो गई है. राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भेकास भभुआ कैमूर का उद्घाटन 20 जून 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था, जिसमें पहले कॉलेज और स्टाफ हॉस्टल, कैंटीन का निर्माण किया गया, जो 19 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बना और 50 बेड का महिला छात्रावास 2.22 करोड़ रुपए की लागत से भवन निर्माण विभाग के द्वारा बनाया गया था.

अब तक नहीं शुरू हुआ महिला छात्रावास का संचालन

अधिकारियों की लापरवाही या यू कहे की और आपसी सामंजस्य स्थापित नहीं होने से करोड़ों रुपए सरकार के खर्च करने के बाद भी अपने उद्देश्यों की पूर्ति नहीं कर रहा है, और कुछ ही सालों में भवन जर्जर हो गए हैं. यहां तक की बिल्डिंग बनने के बाद हैंडोवर होने के 3 साल बाद भी महिला छात्रावास का संचालन शुरू नहीं किया गया है, महिला छात्रावास के सीढ़ी के पास बने जमीन एक से डेढ़ फीट तक धंस गए हैं, वहीं भवन में कई दरारें भी आ गई हैं. इसके साथ ही दीवार में सीलन तथा पीसीसी सड़क में भी दरार पड़ गई है, जो निर्माण कार्य के गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिन्ह करता है.

बताया जाता है कि महिला छात्रावास का बाउंड्री वॉल छोटा था और पास के ही तालाब खुदाई की मिट्टी बाउंड्री वॉल से ऊपर पहुंच गई, जिससे सुरक्षा कारणों से छात्रावास का संचालन नहीं किया गया और बाउंड्री ऊंची करने एवं मरम्मत करने को लेकर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य के द्वारा भवन निर्माण विभाग को पत्राचार किया गया, लेकिन डेढ़ साल से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

एक साल में 4 बार किया गया पत्राचार

इस संबंध में राजकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भेकास भभुआ कैमूर के प्रभारी प्राचार्य कर्मदेव राम के द्वारा बताया गया कि, पहले छात्रावास में विधुत आपूर्ति नही थी जिसे ठीक किया गया, लेकिन चहारदीवारी बगल के तालाब खुदाई के बाद निकले मिट्टी से चहारदीवारी छोटी हो गई तथा फ्लोर धंसने से प्लम्बिंग का पाईप टूट गया है, छात्रावास की जर्जर स्थिति एवं चारदीवारी ऊंचा करने को लेकर भवन निर्माण विभाग को एक साल में 4 बार पत्राचार किया गया, लेकिन अब जाकर विभाग के कनीय अभियंता आए और इसकी मापी एवं जांच पड़ताल कर ले गए, जब तक सुरक्षा दुरुस्त नहीं होता एवं मरम्मती का कार्य नहीं होता, तब तक छात्रावास का संचालन करना उचित नहीं होगा. ऐसे में कोशिश किया जा रहा है कि 15 से 20 दिन में इच्छुक छात्राओं को छात्रावास की सुविधा दी जाए.

एकमात्र महिला आईटीआई की स्थिति दयनीय

प्रभारी प्राचार्य कर्मदेव राम ने बताया कि जिले में एकमात्र महिला आईटीआई है, जिसका शिलान्यास वर्ष 2018 में किया गया था, जिसकी लागत 19.12 करोड़ है, जिसमें जी-3 भवन, स्टाफ हॉस्टल, चहारदीवारी, कैंटीन शामिल था, जिसका उद्घाटन 21 जून 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया, लेकिन इसका हैंडोवर 23 नवंबर 2021 को किया गया तथा पठन-पाठन का संचालन 2023 से हो रहा है, जिसमें चार ट्रेड हैं और पहले वर्ष में 92 सीट है, अभी प्रथम वर्ष में65 और द्वितीय वर्ष में 75 नामांकन है. वही छात्रावास का शिलान्यास 8 अगस्त 2020 को किया गया था, जिसका उद्घाटन 6 जून 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया, जिसका लागत 2.2 करोड रुपए है.

मेंटेनेंस नही होने पर बनी ऐसी स्थिति

इस संबंध में भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता पवन कुमार के द्वारा बताया गया कि, 4 साल पहले भवन को बनाकर हैंडोवर कर दिया गया था, लेकिन इतने दिनों से बंद पड़े छात्रावास में मेंटेनेंस का कार्य नहीं होने से कुछ चीज मरम्मत के लायक हो गई हैं, जिसके लिए प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है और जल्दी मरम्मत का कार्यक्रम कर लिया जाएगा.

छात्रावास को जल्द शुरू करने की मांग

वही आईटीआई में पढ़ रही अंशु गुप्ता समेत अन्य छात्राओं ने बताया कि, हॉस्टल शुरू हो जाता तो बहुत अच्छा होता, क्योंकि बहुत सारी छात्राएं प्रत्येक दिन काफी लंबा सफर तय कर भभुआ के देहाती क्षेत्र भेकास पहुंचती हैं. कई छात्राएं दुर्गावती, कुदरा एवं सासाराम की तरफ से 40 से 50 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचती है. उनका कहना है कि, छात्रावास जल्द शुरू होना चाहिए, जिससे उन्हें आसानी होगी.

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