दिल्ली में व्यवसायियों को एक बड़ी राहत की घोषणा की है. सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब होटल(Hotel), स्विमिंग पूल(Swiming Pool), गेस्ट हाउस (Guest House)जैसे 7 प्रकार के व्यवसायों के लिए दिल्ली पुलिस(Delhi Police) की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. इन व्यवसायों की अनुमति अब नगर निकायों और संबंधित विभागों को सौंप दी गई है, जिससे लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया और अधिक सरल हो जाएगी. दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने स्पष्ट किया कि होटल, मोटल और गेस्ट हाउस जैसी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अब दिल्ली पुलिस से लाइसेंस लेना अनिवार्य नहीं है.

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दिल्ली के व्यापारियों को अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए पहले दिल्ली पुलिस से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक था, जिसके लिए उन्हें कई बार पुलिस कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब दिल्ली सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल करते हुए दिल्ली पुलिस को इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है, ताकि पुलिस का ध्यान केवल राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित हो सके.

‘सरकार का दूरदर्शी दृष्टिकोण’

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लाइसेंस की अनिवार्यता को समाप्त करने को सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. उन्होंने इसे सरकार के दूरदर्शी दृष्टिकोण का स्पष्ट संकेत माना और कहा कि केंद्र सरकार अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार की नीति के अनुरूप कार्य कर रही है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता जनता के हित में काम करना है, और इसी दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने दिल्ली के व्यापारियों और पुलिस को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित लाइसेंसिंग प्रक्रिया में सुधार को सरकार की दूरदर्शिता और सकारात्मक प्रशासनिक दृष्टिकोण का प्रतीक बताया है. उन्होंने इस निर्णय को ऐतिहासिक करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना के प्रति आभार व्यक्त किया है.

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पुलिस अपराध खत्म करने पर देगी ध्यान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि पुलिस का मुख्य कार्य लोगों को लाइसेंस वितरित करना नहीं है. उन्होंने सुझाव दिया कि पुलिस बल को ऐसे कार्यों से मुक्त किया जाना चाहिए, ताकि वह राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने और अपराध पर नियंत्रण में अपना ध्यान केंद्रित कर सके. गुप्ता ने यह भी कहा कि राजधानी में पुलिसिंग केंद्रीय मंत्रालय के अधीन कार्य करती है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमारी डबल इंजन सरकार का उद्देश्य दिल्ली को केवल भारत की राजनीतिक राजधानी बनाना नहीं है, बल्कि इसे सुशासन का एक आदर्श मॉडल भी स्थापित करना है.

‘स्थानीय निकायों से प्राप्त होगें लाइसेंस’

उप राज्यपाल वी के सक्सेना ने बताया कि लाइसेंस की प्रक्रिया के कारण कारोबारियों को पुलिस थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे पुलिस को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने घोषणा की कि अब कारोबारियों को लाइसेंस स्थानीय निकायों जैसे दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगर परिषद या दिल्ली छावनी बोर्ड के माध्यम से प्रदान किया जाएगा. इसके साथ ही, कारोबारियों को पुलिस से NOC पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी.

इन व्यवसायों को मिलेगी छूट

सक्सेना के निर्देशानुसार, इस छुट्टी में शामिल व्यवसायों में होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, वीडियो गेम पार्लर, डिस्कोथेक और मनोरंजन पार्क जैसी संस्थाएं शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इन व्यवसायों का संचालन करने के लिए कारोबारियों को विभिन्न एजेंसियों से लाइसेंस और एनओसी प्राप्त करनी होती है.

दिल्ली में हुआ लागू

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार हमेशा ‘मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस’ के सिद्धांतों पर आधारित नीतियों को अपनाती है. सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को प्रभावी ढंग से लागू कर रही है, विशेषकर दिल्ली में. उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय न केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह केंद्र सरकार की नीति और दृष्टिकोण का भी परिचायक है.

कौन से व्यवसाय शामिल?

सरकार ने दिल्ली पुलिस के नियंत्रण से कुछ व्यवसायों को नगरीय निकायों के अधीन कर दिया है, जिनमें स्विमिंग पूल, ईटिंग हाउस, होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, डिस्कोथेक, वीडियो गेम पार्लर, मनोरंजन पार्क और ऑडिटोरियम शामिल हैं. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस निर्णय पर आभार व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने दिल्लीवासियों को आश्वस्त किया है कि अब लाइसेंसिंग प्रक्रिया अधिक सरल, पारदर्शी और डिजिटल होगी. इससे नागरिकों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता था, वे समाप्त होंगी. उन्होंने इसे विकसित दिल्ली की दिशा में एक महत्वपूर्ण और प्रभावी कदम बताया.