दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High-Court) ने पॉक्सो मामले(Pocso Case) में दोषी ठहराई गई एक महिला को उसके पिता के निधन के कारण 2 सप्ताह की सशर्त अंतरिम जमानत(interim bail) प्रदान की है. अदालत ने जमानत के लिए 10 हजार रुपये के निजी मुचलके और समान राशि के जमानती की शर्त रखी. महिला को यौन उत्पीड़न, उकसावे और मामले की रिपोर्ट न करने के आरोप में 25 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी.
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की वेकेशन बेंच ने एक सजायाफ्ता महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे राहत प्रदान की. यह महिला दिल्ली के एक अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत थी और उसे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत 25 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. हाईकोर्ट ने 18 जून को दिए गए अपने आदेश में स्पष्ट किया कि महिला को गंभीर यौन हमले, उकसावे और मामले की रिपोर्ट न करने के आरोपों में दोषी ठहराया गया है.
कोर्ट ने कहा है कि मामले की विशेषताओं और अपीलकर्ता (अपराधी) के पिता की मृत्यु की पुष्टि के मद्देनजर, अपीलकर्ता को रिहाई की तिथि से दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा. यह रिहाई इस शर्त पर होगी कि संबंधित जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए 10,000 रुपये का निजी बांड और इतनी ही राशि की जमानत प्रस्तुत की जाए.
अदालत ने अंतरिम जमानत के साथ कुछ अन्य शर्तें भी निर्धारित की हैं. इनमें शामिल है कि दोषी महिला केवल अपने गांव के घर में ही रहेगी, उसे संबंधित पुलिस स्टेशन में प्रतिदिन रिपोर्ट करना होगा, अपना मोबाइल नंबर हमेशा चालू रखना होगा, और दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा.
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