अजयारविंद नामदेव, शहडोल। डिजिटल चमक-दमक के इस दौर में जहां ऑनलाइन गेम्स युवाओं के लिए मनोरंजन का साधन माने जाते हैं। वहीं कई बार ये जानलेवा साबित हो रहे हैं। ताजा मामला सोहागपुर थाना क्षेत्र के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से सामने आया है। जहां मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) का काम करने वाला एक युवक प्लेन उड़ाकर पैसा कमाने वाले ऑनलाइन गेम (Aviator game) के जाल में फंस गया। जिसके बाद कर्ज और प्रताड़ना के चलते सुसाइड कर लिया।

एविएटर गेम खेलते-खेलते रातें गुजारने लगा था MR
दरअसल, अनूपपुर जिले का रहने वाला 28 वर्षीय राहुल गुप्ता सिपला कंपनी में MR था। सोमवार की सुबह उसने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। पड़ोसियों के अनुसार, कुछ समय से वह एविएटर गेम खेलते-खेलते रातें गुजारने लगा था। गेम ने उसे जल्दी अमीर बनने का सपना दिखाया, लेकिन नतीजा उल्टा हुआ। धीरे-धीरे उसने वित्तीय संस्थाओं और निजी लोगों से लाखों रुपए का कर्ज ले लिया।
कर्जदाताओं की धमकियों से परेशान होकर लगाई फांसी
जब चुकाने की स्थिति नहीं रही तो कर्जदाताओं की धमकियां और रोज़-रोज़ की प्रताड़ना ने उसकी मानसिक हालत बिगाड़ दी। घटना के बाद कॉलोनी में मातम पसरा हुआ है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि ऑनलाइन गेम्स अब मानसिक जाल बन चुके हैं। वहीं कई लोग सूदखोरी के बढ़ते जाल को इस मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
ऑनलाइन गेम्स निगल रहा युवाओं का भविष्य!
राहुल कुंवारा था और अपने माता-पिता के साथ रहता था। उसकी अचानक हुई मौत ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले को हिला दिया है। सवाल यह है कि क्या ऑनलाइन गेम्स और सूदखोरी का मिला जुला दबाव अब युवाओं के भविष्य को निगल रहा है?
कर्ज और दबाव आत्महत्या की बड़ी वजह
सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र पांडेय का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कर्ज और दबाव ही आत्महत्या की बड़ी वजह प्रतीत हो रही है। मर्ग कायम कर अब कर्ज देने वालों और परिवार के बयान दर्ज कर पूरे मामले की तहकीकात कर रही है।
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