राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों से संबंधित बड़ी साजिश के मामले में कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा (Gulfisha Fatima) ने दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High cout) के जमानत देने से इनकार करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट (SupemeCort) में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को फातिमा सहित उमर खालिद और शरजील इमाम समेत आठ अन्य आरोपियों को इस मामले में जमानत देने से इनकार किया था।

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राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि नागरिकों के प्रदर्शनों या विरोध प्रदर्शनों की आड़ में ‘षड्यंत्रकारी’ हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी आदेश के खिलाफ कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। शनिवार को शरजील इमाम ने भी हाईकोर्ट के जमानत इनकार के आदेश को चुनौती दी। फातिमा को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में प्रदर्शन आयोजित करने में सक्रिय भूमिका के चलते अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) सहित कई अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही 2 सितंबर को फातिमा, उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आठ आरोपियों को इस मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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सुप्रीम कोर्ट में लगाई जमानत की अर्जी

राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े मामले में कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका के साथ ही यह मामला और अहम हो गया है। इससे पहले शनिवार को जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने भी सुप्रीम कोर्ट में इसी केस में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। शरजील पर भी दंगों की कथित बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। अब दोनों प्रमुख आरोपियों की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुकी हैं और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में होने वाली सुनवाई इस केस की दिशा तय कर सकती है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत

राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े मामले में 2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गुलफिशा फातिमा समेत नौ आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि दंगों से जुड़े आरोप इतने गंभीर हैं कि इस समय जमानत देना उचित नहीं होगा। इस फैसले के बाद फातिमा और अन्य प्रमुख आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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गुलफिशा फातिमा पर क्या हैं आरोप?

गुलफिशा फातिमा को 9 अप्रैल 2020 को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि वे नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शनों में सक्रिय थीं और दंगों की कथित बड़ी साजिश में शामिल थीं। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि गुलफिशा और अन्य कई लोगों ने राजधानी में भड़की हिंसा को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) समेत कई अन्य धाराओं में केस दर्ज है।

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