Gold-Silver Price Today: सोना अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास बना हुआ है. इस कीमती धातु को आसान मौद्रिक नीति यानी कम ब्याज दरें, लगातार बनी भू-राजनीतिक अनिश्चितता और सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी का मजबूत समर्थन मिल रहा है. आज सुबह शुरुआती एशियाई कारोबार में स्पॉट गोल्ड 4,445.69 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो अब तक का नया रिकॉर्ड हाई है.
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यह तेजी सेफ-हेवन एसेट्स की वैश्विक मांग को दर्शाती है. घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. बाजार आंकड़ों के मुताबिक 24 कैरेट सोना 1 लाख 36 हजार 160 रुपये प्रति 10 ग्राम, 22 कैरेट सोना 1 लाख 24 हजार 810 रुपये और 18 कैरेट सोना 1 लाख 2 हजार 120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है.
चांदी की बात करें तो एक दिन की स्थिरता के बाद दिल्ली में पिछले दो दिनों में इसकी कीमत 5,100 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ गई है. इससे पहले एक दिन चांदी के भाव स्थिर रहे थे और उससे एक दिन पहले इसमें 5,000 रुपये की तेजी आई थी. वहीं उससे पहले चांदी की कीमत 2,000 रुपये प्रति किलोग्राम गिर गई थी. आज चांदी 2,19,100 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रही है और इसमें 100 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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सोने की तेजी क्यों बनी हुई है?
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि मैक्रो इकोनॉमिक और टेक्निकल फैक्टर्स का मेल सोने को मजबूत सहारा दे रहा है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अक्षय कंबोज के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता के चलते सेफ-हेवन निवेश की मांग लगातार बढ़ रही है. यही वजह है कि रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद सोने में निवेश की मांग कमजोर नहीं हुई है.
फंड मैनेजर्स का मानना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी सोने की कीमतों को सपोर्ट दे रही है.
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आगे क्या रह सकता है रुख?
कोटक म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर सतीश डोंडापति का कहना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव के बीच निवेश की मजबूत मांग बनी हुई है. इसी कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर के पास टिके रहने में कामयाब हैं.
उनके मुताबिक सोना महंगाई और करेंसी में उतार-चढ़ाव से बचाव का एक अहम जरिया बना हुआ है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भू-राजनीतिक जोखिम कम होते हैं या अमेरिकी डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है और बाजार कंसोलिडेशन फेज में जा सकता है.
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टेक्निकल नजरिया
टेक्निकल रूप से तेज उछाल के बाद अब अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के संकेत मिल रहे हैं. एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के अनुसार, सोना ओवरबॉट जोन में पहुंच चुका है. अगर कीमत 1.34 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे जाती है, तो इसमें करेक्शन देखने को मिल सकता है.
जतिन का कहना है कि 1.37 लाख रुपये का स्तर ऊपर की तरफ मजबूत रेजिस्टेंस के रूप में काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि इस हफ्ते अमेरिका से आने वाले अहम आंकड़े जैसे नए घरों की बिक्री, कोर पीसीई प्राइस इंडेक्स और साप्ताहिक बेरोजगारी के दावे सोने की कीमतों की आगे की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
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