देहरादून. उत्तराखंड में UCC (Uniform Civil Code) लागू होने बाद के उत्तराधिकार से जुड़ा बड़ा देखने को मिलेगा. दरअसल, संतान की मौत के बाद माता-पिता भी उसके संपत्ति के हिस्सेहार रहेंगे. अब तक पत्नी को ही पति के मौत के बाद संपत्ति, बैंक-बैलेंस मिलता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
बता दें कि शुक्रवार को समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी की नियमावली अंग्रेजी भाषा में सरकार को सौंपा दिया गया है. इसे न्याय विभाग के समक्ष तकनीकी समीक्षा के लिए भेजा जाएगा. जिसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक कर उसे प्रभावी तौर पर लागू करने की तैयारियों और तिथि की घोषणा सरकार कर सकती है.
संबंधी प्रक्रियाओं को किया गया तय
जानकारी के मुताबिक, यह ड्राफ्ट दो वॉल्यूम और चार हिस्सों में है. जिसमें विवाह और विवाह विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार संबंधी नियमों के पंजीकरण संबंधी प्रक्रियाओं को तय किया गया है. यह नियमावली ही स्पष्ट करेगी कि अगर विवाह, विवाह विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप, जन्म-मृत्यु का पंजीकरण नहीं करवाया तो क्या कार्रवाई हो सकती है. उसकी प्रक्रिया कैसी होगी. कितनी सजा हो सकती है.
विवाह पंजीकरण का समय
इन्हीं नियमों के तहत यूसीसी लागू होने के बाद उन सभी पति-पत्नी को विवाह का पंजीकरण कराने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा. जिन्होंने कानून लागू होने से पहले शादी की. छह महीने बीतने के बाद उन जोड़ों को तीन महीने का समय दिया जाएगा. जिन्होंने यूसीसी लागू होने के बाद शादी की. उत्तराधिकार कानून के तहत संतान की संपत्ति में माता-पिता को एक हिस्सा देने जैसे बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.
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