सुधीर दंडोतिया, भोपाल /उमरिया। मध्य प्रदेश में उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद अब उसकी जांच पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 29 अक्टूबर से हाथियों की मौत का सिलसिला शुरू होने से पहले 28 अक्टूबर की रात 8 बजे का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें मौत से 16 घंटे पहले चिंघाड़ कर हाथियों ने बताया की हम संकट में है। लेकिन इसके बाद भी अफसर सोए रहे। जिसके बाद एक एक करके10 हाथियों की मौत हो गई।
दरअसल, ग्राम बमेरा निवासी विनोद जैसवाल ने हाथियों की चिंघाड़ का वीडियो व्हाट्सएप के एलिफैंट लोकेशन बमेरा ग्रुप में डाला था। जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने 10 हाथियों की मौत के मामले में कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। जानकारी के अनुसार, 29 अक्टूबर जिस सलखनियां गांव में 4 हाथियों की मौत हुई, वहां से 12 किमी दूर बमेरा में 28 अक्टूबर की रात करीब 8 बजे से ही हाथी चिंघाड़ रहे थे। जिनकी आवाज सुन बमोरा गांव के ग्रामीणों ने शोर मचाया तो हठी वहां से भाग गए।
हैरानी की बात तो ये हैं की जब हाथियों की चिंघाड़ ग्रामीणों के कानों तक गई तो क्या वन विभाग के किसी भी अफसर के कान में आवाज नहीं गई होगी। ऐसे में बांधवगढ़ में 10 हाथियों की मौत जांच पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिस खेत के कोदो को दोषी बता रहे अफसर उससे 12 किलोमीटर से भी अधिक दूर हाथियों के जहरीला पदार्थ खाने की आशंका जताई जा रही है।
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