हेमंत शर्मा, इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शिकायतकर्ता अंकुर अवस्थी के नाम से फर्जी दस्तावेजों और हस्ताक्षरों का उपयोग कर विश्व कल्याण मल्टी स्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में खाता खोला गया। इस खाते के जरिए करोड़ों रुपये का काला धन ट्रांसफर किया गया।
इनकम टैक्स का 8 करोड़ का नोटिस
फर्जी अकाउंट से हुए लेन-देन के कारण शिकायतकर्ता को आयकर विभाग ने 8 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उनका इस खाते और लेन-देन से कोई संबंध नहीं है, लेकिन फर्जीवाड़े का शिकार होने के कारण उन्हें शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
12 बार की गई शिकायत, लेकिन पुलिस रही निष्क्रिय
अंकुर अवस्थी ने बताया कि 2018 से अब तक पुलिस और क्राइम ब्रांच को इस मामले में 12 बार शिकायत दी जा चुकी है। बावजूद इसके, पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि औरंगाबाद पुलिस ने जांच में यह साफ कर दिया था कि अपराध इंदौर के सीतलामाता मंदिर क्षेत्र में हुआ है। इसके बाद भी इंदौर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
- दस्तावेजों का दुरुपयोग: शिकायतकर्ता के पुराने कार्यालय (एडलवाइस कंपनी) के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर खाता खोला गया।
- केवाईसी में लापरवाही: खाता खोलने में फोटो आईडी और मोबाइल नंबर सत्यापन नहीं किया गया।
- नकली हस्ताक्षर: शिकायतकर्ता के नकली हस्ताक्षर कर फर्जी खाता तैयार किया गया।
नोटबंदी के दौरान बड़े लेन-देन
नोटबंदी के दौरान शिकायतकर्ता के नाम पर खोले गए फर्जी खाते में करीब 3 करोड़ रुपये जमा किए गए। इसके अलावा, आरटीजीएस के जरिए करोड़ों रुपये कई कंपनियों और व्यक्तियों को ट्रांसफर किए गए।
शिकायतकर्ता की मांग
अंकुर अवस्थी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस संगठित गिरोह में एडलवाइस कंपनी, एचडीएफसी बैंक और विश्व कल्याण सोसायटी के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
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