शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र की कार्यवाही जारी है। सदन में चौथे दिन जन विश्वास संशोधन विधेयक पारित किया गया। केंद्र सरकार के बाद विधेयक पारित करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। इससे उद्यमियों और व्यापारियों को मदद मिलेगी। प्रदेश में अब जनता को राहत मिलेगी। कोर्ट के मामलों में कमी आएगी। साथ ही जुर्माना वसूलने का अधिकार भी मिलेगा। आइए जानते हैं क्या है जन विश्वास संशोधन…

क्या है जन विश्वास संशोधन

एमपी विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। सदन में जन विश्वास संशोधन विधेयक पास हो गया है। इस विधेयक के जरिए नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम जैसे सात विभागों में जुर्माने को पेनल्टी में बदलने का प्रावधान किया गया है। इससे पहले इन मामूली मामलों को कोर्ट में प्रस्तुत करना होता था, लेकिन अब अधिकारी इनका समाधान मौके पर ही कर सकेंगे।

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बिना अनुमति नगरीय क्षेत्रों में दीवार लेखन या पर्चा चिपकाने वालों को अब कोर्ट कार्रवाई से राहत मिलेगी, लेकिन 2000 रुपये का अर्थदंड देकर ही छोड़ा जाएगा। इसके तहत संबंधित मामले कोर्ट तक नहीं जाएंगे और अधिकारी मौके पर ही जुर्माना लगाने का अधिकार रखेंगे।

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ऊर्जा विभाग के तहत कैप्टिव पावर प्लांट का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को अब उत्पादन और खपत का लेखा-जोखा न रखने पर 5000 रुपये तक का अर्थदंड देना होगा। पहले इसके लिए अलग-अलग जुर्माने की सीमा थी, जिसे अब एक समान कर दिया गया है। नगरीय विकास विभाग ने प्रावधान किया है कि यदि पानी की नाली या सड़क को निजी उपयोग के लिए क्षतिग्रस्त किया जाता है, तो अर्थदंड 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाएगा। इसी तरह, निजी भूमि पर प्लाटिंग के लिए चूने की लाइन डालने जैसे मामलों में भी कड़े प्रावधान किए गए हैं।

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