RG Kar Rape Murder case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत पूरे भारत को हिलाकर रख देने वाले आरजी कर रेप-मर्डर केस में आज 161 दिन कोर्ट का फैसला आएगा। कोलकाता की सियालदेह कोर्ट (Sealdah Civil and Criminal Court) आरजी कर रेप-मर्डर केस में आज फैसला सुनाएगी। यह वही केस है, जिसमें अस्पताल के अंदर 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप (rape with female doctor) करने के बाद नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में पूरे देश के डॉक्टर्स सड़कों पर उतर आए थे। बंगाल में तो एक महीने से ज्यादा समय तक जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर थे। सियालदह की सत्र अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी।

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बता दें कि पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई थी। अब इस वारदात के पूरे 161 दिन बाद कोलकाता की एक सेशन कोर्ट इस मामले में आज (18 जनवरी 2025) फैसला सुनाएगी।

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रेप-मर्डर के इस मामले में कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को आरोपी बनाया है। इस मामले का ट्रायल 57 दिन पहले ही शुरू हो गया था लेकिन फैसले की घड़ी अब आई है।

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यहां देखें पूरे केस की टाइमलाइन:

9 अगस्त: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल की तीसरी मंजिल पर पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर अर्धनग्न अवस्था में मृत पाई गई।

10 अगस्त: कोलकाता पुलिस ने आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को हिरासत में ले लिया। यह वह समय था जब पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों द्वारा पहली बार विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था।

12 अगस्त: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता पुलिस को मामले को सुलझाने के लिए सात दिन की समयसीमा दी और कहा कि अन्यथा वह इस मामले को सीबीआई को सौंप देंगी। इस बीच, आरजी कर के प्रिंसिपल संदीप घोष ने विरोध के बीच पद छोड़ दिय़ा था।

13 अगस्त: कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और मामले को ‘बेहद वीभत्स’ बताया. कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया। एनएचआरसी ने भी मामले का संज्ञान लिया। आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लंबी छुट्टी पर जाने का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया।

14 अगस्त: सैकड़ों छात्रों, लोगों और सामाजिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

14 और 15 अगस्त की दरमियानी रात: 15 अगस्त को भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में घुसकर आपातकालीन विभाग और नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की। आईएमए ने 17 अगस्त को 24 घंटे के लिए देशभर में सेवाएं बंद करने का आह्वान किया।

16 अगस्त: पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में 19 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया।

18 अगस्त: घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 20 अगस्त को तय की।

19 अगस्त: सीबीआई ने संदीप घोष से पूछताछ की। जांच एजेंसी को आरोपी पर पॉलीग्राफ टेस्ट करने की अनुमति दी गई और कोर्ट ने इसे पास कर दिया।

20 अगस्त: तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।

21 अगस्त: केंद्र सरकार ने केंद्रीय बलों को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया। इस बीच, कोलकाता पुलिस ने तोड़फोड़ के मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।

24 अगस्त: मुख्य आरोपी के साथ-साथ छह अन्य पर लाई डिटेक्शन टेस्ट किए गए।

25 अगस्त: सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, पूर्व एमएसवीपी संजय वशिष्ठ और 13 अन्य के आवास पर छापा मारा।

2 सितंबर: संदीप घोष को 2 सितंबर को आरजी कर अस्पताल में वित्तीय धोखाधड़ी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।

14 सितंबर: सीबीआई ने संदीप घोष और बलात्कार और हत्या मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी और सबूत गायब होने के आरोप में कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार कर लिया।

3 अक्टूबर: पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए कोलकाता में डब्ल्यूबीजेडीएफ के डॉक्टर भूख हड़ताल पर बैठे और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कई मांगें भी कीं।

7 अक्टूबर: बलात्कार और हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की।

21 अक्टूबर: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लंबे समय से लंबित बैठक के बाद, डब्ल्यूबीजेडीएफ ने अपनी 17 दिन की भूख हड़ताल खत्म कर दी।

4 नवंबर: सियालदह कोर्ट में एकमात्र चार्जशीटेड आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने आरोप तय किए।

11 नवंबर: सियालदह कोर्ट में आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में ट्रायल शुरू।

12 नवंबर: चार्जशीट दाखिल करने में देरी के कारण बलात्कार और हत्या मामले में अभिजीत मंडल और संदीप घोष सहित आरोपियों को जमानत मिल गई। बलात्कार और हत्या मामले में बंद कमरे में सुनवाई 12 नवंबर को शुरू हुई।

18 जनवरी: सियालदह कोर्ट फैसला सुनाएगी।

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