ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन के तहत 25 जून को स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से सुबह 2:31 बजे EDT (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद पहली बार कोई भारतीय एयरफोर्स अफसर अंतरिक्ष में जा रहा है।

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मिशन में शामिल हैं 4 देश

Axiom-4 में भारत, अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के एस्ट्रोनॉट शामिल हैं। इस मिशन की कमान अमेरिका की अनुभवी एस्ट्रोनॉट पेगी व्हिटसन संभालेंगी। शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका में होंगे और करीब 550 करोड़ रुपये में भारत ने उनकी सीट बुक की है।

Axiom-4 के तहत ये अंतरिक्ष यात्री दो हफ्ते तक ISS पर रहेंगे और करीब 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इनमें से सात प्रयोग भारत के होंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से एक लाइव संवाद भी करेंगे, जिसे भारत के लिए प्रेरणादायक पल माना जा रहा है।

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छह बार टल चुका है मिशन

Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग में कई बार देरी हुई। Axiom-4 मिशन को अब तक छह बार टाला जा चुका है। शुरुआत में इसकी लॉन्चिंग 29 मई को होनी थी, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे 8 जून तक टाल दिया गया। फिर फाल्कन-9 रॉकेट के बूस्टर में लिक्विड ऑक्सीजन लीक हो गया, जिसकी वजह से तारीख पहले 10 जून और फिर 11 जून कर दी गई। अब आखिरी फैसला लिया गया है कि मिशन 25 जून को लॉन्च होगा।

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क्या है Axiom-4 मिशन?

Axiom-4 एक निजी अंतरिक्ष मिशन है, जिसे Axiom Space, NASA और SpaceX मिलकर संचालित कर रहे हैं। इसका उद्देश्य व्यावसायिक मानव मिशनों के जरिए अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री ISS पर दो सप्ताह रहकर शारीरिक, जैविक और भौतिक प्रयोगों पर कार्य करेंगे।

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‘आकाश गंगा’ की ओर भारत का अगला कदम

इस मिशन को भारत ने अनौपचारिक रूप से ‘आकाश गंगा’ नाम दिया है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला फिलहाल क्वारनटीन में हैं और उन्हें उड़ान के लिए मेडिकल क्लीयरेंस मिल चुका है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 26 जून को वे अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ जाएंगे।