लखनऊ। आपातकाल की 50वीं बरसी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘आपातकाल’ की त्रासदी पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर ‘भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय’ विषयक संगोष्ठी का शुभारंभ किया। साथ ही संविधान का गला घोंटने वालों के विरुद्ध अपना स्वर बुलंद करने वाले लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान भी किया।
उन चेहरों को बेनकाब करने का अवसर
सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन उन चेहरों को बेनकाब करने का एक अवसर है, जिन लोगों ने लोकतंत्र की आड़ में अपने स्वार्थ के लिए भारत के मूल्यों और आदर्शों की बलि चढ़ाने का कुत्सित प्रयास किया था। उत्तर प्रदेश के अंदर जो हमारे लोकतंत्र सेनानी हैं। हम घोषणा कर रहे हैं कि उनको और उनके परिवार के सदस्यों के लिए कैशलेस उपचार की व्यवस्था प्रदेश के अंदर लागू करेंगे।
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वर्ष 1975 उसकी पराकाष्ठा थी
सीएम योगी ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को बताना पड़ेगा कि कौन लोग हैं, जिन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपने को चकनाचूर करने का काम किया था। पं. नेहरू की सरकार से लेकर लगातार जब भी अवसर मिला। कांग्रेस ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर और भारत के संविधान को अपमानित करने का कोई मौका नहीं गंवाया। मौलिक स्वतंत्रता को रौंदने का काम संविधान लागू होने के तत्काल बाद से कांग्रेस नेतृत्व की सरकारों ने प्रारंभ किया और यह सिलसिला जो वहां से प्रारंभ हुआ। वर्ष 1975 उसकी पराकाष्ठा थी।
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सीएम योगी ने आगे कहा कि जब भी कांग्रेस, राजद और समाजवादी पार्टी को मौका मिला। उन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटने में कोई कोताही नहीं बरती। इनका’ दोहरा चरित्र लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। साथ ही, उन मूल्यों एवं आदर्शों के सामने भी सबसे बड़ी बाधा है। जिसका सपना भारत के स्वाधीनता संग्राम सेनानियों ने देखा था। उन्होंने आगे कहा कि एक सामान्य परिवार में पैदा होने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बन सकता है, क्योंकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है।
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