नरेश शर्मा, रायगढ़। बीती रात से जारी मूसलधार बारिश ने धरमजयगढ़ अंचल को मानो जलराशि के घेरे में कैद कर दिया है। गांव-गांव में बहते नदी-नाले उफान पर हैं। ग्राम पंचायत कुमा के आश्रित ग्राम इंचपारा और पेलमा में बने नाले बेकाबू धाराओं के साथ उग्र रूप धर चुके हैं। सुबह शिक्षा के लिए विद्यालय पहुंचे मासूम बच्चे भी उफनती नदी के इस पार रुक गए, जबकि शिक्षकगण भी जलधारा में फंसे रहे। दोनों ओर खड़े ग्रामीण मानो सुरक्षा प्रहरी बनकर, बच्चों और शिक्षकों को सुरक्षित पार कराने की राह देख रहे हों। लगातार हो रही झमाझम बारिश ने नगर और गांवों का आपसी संपर्क तोड़ डाला है। मार्ग बाधित हैं, आवाजाही थमी हुई है। हर तरफ अनिश्चितता का आलम है। ग्रामीण टकटकी लगाए हैं कि कब थमेगा पानी का प्रचंड वेग, कब खुलेगी राह।

इधर खम्हार गांव के पास खम्हार से फिटिंगपारा, धौराभाठा मार्ग पर बने पुल पर पानी का विकराल रूप दिखाई दे रहा है। प्रचंड धाराओं से पुल मानो डगमगाता प्रतीत हो रहा है। जलराशि का प्रहार ऐसा है कि राहगीरों को रुककर प्रकृति की गर्जना निहारनी पड़ रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस वर्ष पहली बार हुई मूसलाधार वर्षा ने कोरजा नदी को उफान पर पहुंचा दिया है। उग्र धारा ने न केवल मार्ग को डुबो डाला है, बल्कि जनजीवन को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग घरों में सिमट गए हैं और राहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। धरती पर बरसते मेघों ने जहां खेतों को जीवनदान दिया है, वहीं उफनती नदियां और पुलों पर बहता जल ग्रामीणों के लिए संकट का सबब बन गया है। फिलहाल, सबकी निगाहें आसमान पर टिकी हैं कि कब थमेगा यह जलप्रलय।