लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के अंतर्गत संचालित इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (IIRS), देहरादून के आउटरीच नोडल नेटवर्क संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है. इस मान्यता के साथ नक्षत्रशाला अब ISRO के राष्ट्रीय आउटरीच प्रोग्राम नेटवर्क से औपचारिक रूप से जुड़ गया है. यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश में विज्ञान, तकनीक एवं अंतरिक्ष शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम है. नक्षत्रशाला अब एस्ट्रोफिजिक्स, रिमोट सेंसिंग, जीआईएस (GIS), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS), फोटोमेट्री तथा अन्य अनुप्रयोगों पर आधारित पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करेगी.

प्रमुख सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) और महानिदेशक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश आईएएस पंधारी यादव ने इस उपलब्धि पर कहा कि इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ को यह मान्यता उत्तर प्रदेश के बढ़ते वैज्ञानिक वातावरण का प्रमाण है. इससे विद्यार्थियों में अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के प्रति रुचि बढ़ेगी तथा राज्य में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा मिलेगा.

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विशेष सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) आईएएस शीलधर सिंह यादव ने कहा कि इंदिरा गांधी तारामंडल का ISRO–IIRS आउटरीच नेटवर्क में शामिल होना परिषद के उस उद्देश्य के अनुरूप है, जिसके तहत राज्य में विज्ञान, नवाचार और वैज्ञानिक चेतना का प्रसार किया जा रहा है.

डॉ. सुमित कुमार श्रीवास्तव वैज्ञानिक एवं मीडिया प्रभारी ने बताया कि यह इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला, लखनऊ के लिए गौरव का विषय है कि हमें ISRO के प्रतिष्ठित IIRS नेटवर्क से जोड़ा गया है. इससे विद्यार्थी और शोधार्थी उन्नत तकनीकों से परिचित होंगे और भारत के अंतरिक्ष अभियानों में योगदान दे सकेंगे. इच्छुक विद्यार्थी एवं जनसामान्य नक्षत्रशाला से संपर्क कर निःशुल्क ऑनलाइन प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं.

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इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला ने IIRS–ISRO के ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु पंजीकरण प्रारंभ कर दिया है, जिसके सफल समापन पर प्रतिभागियों को IIRS–ISRO द्वारा प्रमाणपत्र (E-Certificate) प्रदान किया जाएगा. यह सहयोग उत्तर प्रदेश में अंतरिक्ष आधारित शिक्षा, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस अनुप्रयोगों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.