नीरज काकोटिया, बालाघाट। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और सीएम डॉ मोहन यादव लगातार नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने या कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। जिसके सकारात्मक परिणाम अब सामने आ रहे हैं। बालाघाट में थाना लांजी के चौरिया कैंप अंतर्गत एक हार्डकोर सशस्त्र महिला नक्सली सुनीता पिता बिसरू ने आत्मसमर्पण किया है। सुनीता छत्तीसगढ़ के जिला बीजापुर की रहने वाली है। उसने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं और भारत के संविधान पर विश्वास जताते हुए जिला पुलिस बालाघाट के सामने खुद सरेंडर किया है।

आईजी ने कही ये बात

बालाघाट मंडला नक्सली जोन के आईजी संजय कुमार ने बताया कि जिले में पहली बार किसी सशस्त्र महिला नक्सली ने सरेंडर किया है। सुनीता मलाजखंड दर्रेकसा दलम में एसीएम है, जो इंसास रायफल के साथ सशस्त्र नक्सली संगठन में मध्य प्रदेश, गोंदिया और राजनांदगांव डिवीजन में सक्रिय थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित है। सुनीता पिता बिसरु ओयाम माओवादी संगठन में वर्ष 2022 में जुड़ी थी। छत्तीसगढ़ के माड क्षेत्र में छह माह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उसने सीसी मेंबर रामदेर के गार्ड के रूप में कार्य किया।

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उल्लेखनीय है कि पिछले 10 महीनों में मध्य प्रदेश में एक करोड़ 46 लाख रुपये के इनामी नक्सलियों को ना केवल निष्क्रिय किया गया है, बल्कि सरकार सॉफ्ट टच एप्रोच के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास के रास्ते भी खोल रही है। आईजी ने विश्वास जताया कि सुनीता के आत्मसमर्पण के बाद अन्य नक्सलियों तक संदेश जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नक्सली सिर्फ पुलिस के सामने ही नहीं किसी भी सरकारी अधिकारी, जनप्रतिनिधि या पत्रकारों के माध्यम से भी आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

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