सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) टीम ने गोमगुड़ा इलाके के घने जंगल में नक्सलियों की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए उसे ध्वस्त कर दिया। मौके से 17 रायफल, हथियार बनाने की मशीनें, गन पार्ट्स और भारी मात्रा में निर्माण सामग्री बरामद की गई है। यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा थी।


जिला पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नई रणनीति के तहत संचालित एंटी नक्सल अभियान का हिस्सा थी। लगातार चल रहे इन अभियानों से नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचा है और वे अब दबाव में हैं।
खुफिया सूचना पर चला ऑपरेशन
3 नवंबर 2025 को सटीक खुफिया सूचना के आधार पर DRG टीम ने गोमगुड़ा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दौरान सुरक्षाबलों को जंगल में नक्सलियों द्वारा संचालित अवैध हथियार निर्माण फैक्ट्री मिली। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि नक्सली इस फैक्ट्री में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए हथियार और विस्फोटक सामग्री तैयार कर रहे थे।
बरामद किये गए हथियारों की सूची
फैक्ट्री से जब्त किए गए हथियारों और उपकरणों की विस्तृत सूची में BGL रॉकेट लॉन्चर (1 नग), BGL लॉन्चर (6 नग), 12 बोर राइफल (6 नग), सिंगल शॉट राइफल (3 नग), देशी कट्टा (1 नग) और BGL बैरल (3 नग) शामिल हैं। इसके अलावा नक्सलियों द्वारा हथियार निर्माण में प्रयुक्त कई गन पार्ट्स और भारी उपकरण भी बरामद हुए हैं, जिनमें ग्राइंडर, वेल्डिंग शील्ड, हैंड ड्रिल (बड़ी व छोटी), टेबल वाइस, बैरल पार्ट्स, बिजली के तार, लोहे के पाइप इत्यादि प्रमुख हैं।
नक्सलियों पर बढ़ रहा दबाव
सुकमा पुलिस के अनुसार हाल के महीनों में लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशनों से माओवादियों को भारी नुकसान हुआ है। पिछले एक वर्ष में 545 माओवादी आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट चुके हैं, जबकि 454 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 64 नक्सली मुठभेड़ों में मारे गए हैं। अब शेष बचे नक्सलियों पर भी सुरक्षाबलों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
एसपी की अपील
पुलिस अधीक्षक सुकमा ने कहा कि सुरक्षाबलों की कार्रवाई का उद्देश्य केवल नक्सलवाद का उन्मूलन नहीं, बल्कि क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास की स्थापना है। उन्होंने भटके हुए नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा छोड़कर विकास के मार्ग पर लौटें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जो भी माओवादी हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें शासन की पुनर्वास नीति के अंतर्गत सम्मानजनक जीवन की पूरी गारंटी दी जाएगी।
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