धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी में उस समय सनसनी फैल गई, जब सात संदिग्ध लोगों ने खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर विवेकानंद कॉलोनी स्थित शहर के प्रसिद्ध पैथोलॉजिस्ट डॉ. दिलीप राठौर के घर घुसकर घंटों तलाशी ली। इन फर्जी अधिकारियों ने न तो कोई पहचान-पत्र दिखाया, न ही कोई नोटिस दिया। वे सफेद डिजायर कार में पहुंचे थे और बिना किसी वैध दस्तावेज के घर के हर कमरे में जाकर अलमारी, गहनों और निजी कागजातों की तलाशी ली। लगभग एक घंटे बाद कोई जब्ती सूची या कार्रवाई की जानकारी दिए बिना सभी संदिग्ध चुपचाप चले गए।

पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने फुटेज और कार के नंबर अपने कब्जे में लेकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता इसलिए और बढ़ जाती है, क्योंकि घटना महापौर के निवास के सामने स्थित सुरक्षित इलाके में घटना को अंजाम दी गई है, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि इसी घर में साल 2008 में भी डकैती की बड़ी वारदात हो चुकी है। ऐसे में परिवार लगातार दहशत में है और कानून-व्यवस्था पर चिंता बढ़ गई है।

संदिग्धों की पहचान करने पुलिस ने बनाई टीमें

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे घर का मुआयना किया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कार के नंबर अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए कई टीमें गठित कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संदिग्धों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए अलग-अलग दिशा में कार्रवाई की जा रही है। ये घटना उन मामलों से मेल खाती है, जिनमें कुछ गिरोह पहले खुद को फर्जी अधिकारी बताकर रेड करते हैं और बाद में बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं।

पुलिस से नागरिकों से की ये अपील

हाल के वर्षों में ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ है, जिसमें गिरोह फर्जी अधिकारी बनकर अघोषित रेड करते हैं और बाद में डकैती जैसी वारदात को अंजाम देते हैं। धमतरी की घटना भी इसी पैटर्न को दर्शाती है। पुलिस ने टीमें बनाकर जांच तेज कर दी है। नागरिकों से अपील की गई है कि यदि कभी छापा या तलाशी हो तो अधिकारियों से पहचान-पत्र और आधिकारिक नोटिस की मांग जरूर करें, ताकि ऐसे फर्जी मामलों से बचा जा सके।