Kotia Border Dispute Odisha Andhra Pradesh: कोरापुट. आंध्र प्रदेश की गुंडागर्दी के बीच राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी कोटिया के दौरे पर पहुंचे. कोरापुट दौरे के दौरान मंत्री ने लोगों को कई तरह की सरकारी सहायता वितरित की. साथ ही कोटिया को लेकर आंध्र को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि कोटिया ओडिशा का अहम हिस्सा है.
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उन्होंने साफ कहा कि कोटिया को ओडिशा से कोई अलग नहीं कर सकता. चाहे कितनी भी पड़ोसी घुसपैठ हो, उसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मंत्री ने जिलाधिकारी मनोज सत्यवान महाजन और अन्य जिला अधिकारियों के साथ कोटिया पंचायत में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. साथ ही घुसपैठ से जुड़े हालात पर भी नजर रखी. हाल ही में आंध्र के एजेंट कोटिया में घुसे थे और प्रशासन द्वारा लगाए गए सरकारी बोर्ड तोड़ दिए थे.
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खत्म नहीं हो रहा कोटिया विवाद
दोनों राज्यों के बीच यह विवाद एक-दो दिन का नहीं, बल्कि कई सालों से चला आ रहा है. सरकारें बदल गईं, लेकिन कोटिया का मसला अब तक नहीं सुलझा. अब ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी कोटिया विवाद बरकरार है. घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. पड़ोसी आंध्र प्रदेश गुंडागर्दी के सहारे इलाके में घुसपैठ कर लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है.
मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन विवाद खत्म नहीं हुआ है. राज्य सरकार ने इसे सुलझाने के लिए कई समितियां बनाई हैं. कोटिया दौरे के दौरान सत्ताधारी पार्टी के मंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इलाके में पहुंचे और दोहराया कि कोटिया ओडिशा का है और ओडिशा में ही रहेगा. कई बार यह भी कहा गया कि यहां की एक इंच जमीन भी आंध्र प्रदेश को नहीं दी जाएगी.
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लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जब मीडिया में खबरें आती हैं, तभी नेता, मंत्री और प्रशासन सक्रिय होते हैं. घुसपैठ के बाद आंध्र प्रदेश के अधिकारी अपने कार्यक्रम पूरे कर हमारे प्रशासन से संपर्क करते हैं. जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश की ओर से 21 विवादित गांवों में हर 20 घरों पर एक एजेंट तैनात किया गया है. इन एजेंटों का काम यह समझना है कि आंध्र की योजनाएं 20 परिवारों तक कैसे पहुंचें और लोगों को क्या फायदे या दिक्कतें हैं.
एजेंट इतने सक्रिय हैं कि आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को घुसपैठ करने में आसानी हो रही है.
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