कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ 10 करोड़ के आपराधिक मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पूर्व सीएम शिवराज की ओर से दायर याचिका पर विरोध दर्ज कराने राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल जबलपुर पहुंचे। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की सिंगल बैंच में लंबी बहस चली। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्ब्ल ने बताया कि ये मानहानि एक नेता नहीं बल्कि वरिष्ठ अधिवक्ता की हुई है। सिब्बल ने स्पष्ट किया कि इस तरीके से कोई भी नेता न्यायालीन संबंधी कार्यवाही में इस तरह से बयान नहीं दे सकता।

विवेक को दिया बर्थडे गिफ्ट

सिब्बल ने कहा कि आज विवेक तन्खा के जन्मदिन पर मैंने उनकी ओर से बहस कर उन्हें तोहफा दिया है और हमें पूरी उम्मीद है कि अदालत उनकी बहस का सम्मान कर अच्छा फैसला सुनाएगी। बता दें कि शिवराज, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह के खिलाफ जबलपुर की एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा जमानती वारंट जारी किया गया था। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर 10 करोड़ के मानहानि मुकदमे पर जमानती वारंट जारी किया गया था। जिसमें तीनों अभियुक्तगण सुनवाई से गैरहाजिर रहे। पूर्व की दो सुनवाई में राजनीतिक व्यवस्था के चलते व्यक्तिगत उपस्थिति से बचने के लिए आवेदन पेश किया जिसे जस्टिस विश्वेश्वरी मिश्र की कोर्ट ने खारिज कर दिया।

जनता में अनुकरणीय आचरण पेश करें

आवेदन में उपस्थिति के लिए 7 जून की तारीख की मांग की गई थी। विशेष अदालत द्वारा जारी आदेश में कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य 7 मई को व्यक्तिगत तौर पर उनकी अदालत में उपस्थित हो। इस आशय का जमानती वारंट भी उनके खिलाफ जारी कर दिया गया था। पूर्व की सुनवाई में अदालत ने अपने आदेश में कुछ महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की थी जिसमें कहा गया था कि सभी अभियुक्तगण भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। ऐसे में न्यायालय के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित कर आम जनता में अनुकरणीय आचरण पेश करें।

बयानबाजी से हुए आहत

पंचायत चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर हुए पॉलिटिकल ड्रामे में भाजपा के तीनों नेताओं ने राज्यसभा सांसद तन्खा को लेकर बयानबाजी की थी। बयानबाजी में ये आशय निकाल कर आया था कि विवेक तंखा ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर कर ओबीसी आरक्षण रुकने का काम किया है, जिससे आहत होकर उन्होंने जबलपुर की विशेष अदालत में परिवाद दायर कर 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा ठोका है।

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