मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के वार्षिक समारोह में वर्चुअल माध्यम से संबोधन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सैनिक स्कूल में प्रशिक्षण और खेल अवस्थापना से जुड़ी हुई 2 घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल में सिंथेटिक ट्रैक युक्त स्टेडियम बनाया जाएगा और कृत्रिम घास युक्त फुटबॉल मैदान का निर्माण भी किया जाएगा.
विद्यालय द्वारा 10वीं बार राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में सर्वाधिक प्रविष्टियां देने का रिकॉर्ड बनाने तथा 10वीं बार रक्षा मंत्री ट्रॉफी जीतने के लिए मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक विद्यालय राष्ट्र और समाज के कर्मठ, लगनशील, अनुशासित और दृढ़ संकल्पित नागरिक तैयार करता है. उन्होंने कहा कि इस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात बहुत से लोग आज देश की सेना में और अन्य क्षेत्रों में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि वैसे भी वीरों की भूमि है – सैनिकों की भूमि है. हमारी सरकार सैनिकों के समर्पण और जज्बे का हमेशा सम्मान करती है. सैन्य सुधार के अंतर्गत वन रैंक वन पेंशन, सेना का पुनर्गठन, स्वदेशी रक्षा तकनीक को बढ़ावा देना, सेना का आधुनिकीकरण जैसे कार्य उच्च प्राथमिकता से किए हैं. इसी का परिणाम है कि आज भारत अपनी रक्षा जरूरतों का आयात कम करते हुए बहुत से देशों को रक्षा सामग्री निर्यात भी करता है.
प्रदेश सरकार भी सैनिकों और शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए कृत संकल्पित हैं. हमने शहीद परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि 5 गुना बढ़ाई है. शहीद के परिजन को सरकारी नौकरी हो या पूर्व सैनिकों की तरह उनको छूट देना. प्रदेश के बलिदानों की स्मृति के लिए सैन्यधाम का निर्माण किया जा रहा है. उन्होंने सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन विजय सिंह और उनके स्टाफ की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कड़े परिश्रम के चलते देश को आगे भी अनुशासित और समर्पित नागरिक मिलते रहेंगे.
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