देहरादून. पलायन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. बेहतर जीवन-स्तर की तलाश में लोग लगातार पहाड़ों से मैदान की ओर जा रहे हैं. कई गांव पूरी तरह से खाली हो चुके है. पलायन आयोग की 2022 की रिपोर्ट बताती है कि 2018 से 2022 के बीच 24 नए गांव पूरी तरह से खाली हो चुके हैं.
बता दें कि 2011 से 2018 के बीच 734 गांव आंशिक या पूरी तरह से खाली हुए थे. वहीं 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 968 गांव अब तक निर्जन हो चुके हैं. पलायन के प्रमुख कारणों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रोजगार के अवसरों का अभाव, और कठिन भौगोलिक स्थितियां शामिल हैं.
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दूर-दराज के गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र न होगा और न बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की सुविधाएं. वहीं युवा नौकरी की तलाश में अन्य राज्यों की रुख कर रहे हैं. वैसे तो राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. इसके तहत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और रोजगार के नए अवसर दिए रहे हैं.
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