Lalluram Desk. वित्तीय वर्ष 2024-25 की बात करें तो मोदी सरकार ने बजट का सबसे ज्यादा 6,21,940.85 करोड़ रुपए रक्षा मंत्रालय को आवंटित किया था. यह वर्ष 2023-24 के मुकाबले यह 4.79% ज्यादा था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं. इस बार भी भारत के डिफेंस सेक्टर, पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर को क्या कुछ मिलने वाला है, इस पर सभी की निगाहे हैं.
साल 2025 के बजट को लेकर कुछ डिफेंस एक्सपर्ट से बातचीत कि तो कई बड़े सेक्टर के बारे में पता चला जो कि मेक इन इंडिया के तहत बने आर्म्स निर्माता कंपनी भी सरकार से उम्मीद लगाए हुए हैं.
डिफेंस सेक्टर की प्रमुख निर्माता कंपनी डब्ल्यूबी एलेक्ट्रोनिक के सीईओ मनीष शर्मा पिछले कई सालों से भारतीय सेना के लिए घातक ड्रोन बना रहे है, इन्हें बजट 2025 से बहुत ज्यादा उम्मीद है. इनका मानना है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्री सबसे ज्यादा फ़ोकस डिफेंस सेक्टर को और ज्यादा बढ़ावा देने का होगा, क्योंकि रूस और यूक्रेन, अजरबैजान और आर्मीनियाई के साथ फिलीपींस और इजरायल युद्ध ने यह संकेत दे दिया है कि पारंपरिक तरीके से युद्ध अगर लड़ा जाएगा तो दुश्मन की जीत पक्की हो जाएगी, इसलिए युद्ध के तरीकों को तेजी से बदलने की जरूरत है, और इसी को देखते हुए मेक इन इंडिया के विजन पर सबसे ज्यादा फोकस रहने की उम्मीद है.
एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करीब 25 सालों से काम करते आ रहे विनय शिपयार्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर विनय गुप्ता बजट को लेकर अपनी उम्मीदें साझा किया. उन्होंने कहा कि बजट 2024 में कुल बजट का 13.04% रक्षा सेक्टर को दिया गया था, जो कि इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट को काफी बढ़ावा दिया. इस बार हम उम्मीद करते हैं कि सरकार लंबी अवधि की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर पर ज्यादा ध्यान देगी.
वहीं रक्षा मामलों के जानकार रवि अरोड़ा ने बताया कि इस बार हमें उम्मीद है कि बजट 2025 इंडियन स्टार्टअप को ज्यादा से ज्यादा साथ देगा. इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर को भी फायदा पहुंच सकता है, क्योंकि तीनों सेना यानी थल, जल और वायु सेना को साल 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर करने का प्लान है. रक्षा मामलों के जानकार रवि अरोड़ा ने बताया कि अगर सही दिशा में पूरी स्ट्रेटजी बनाई जाए तो भारत एयरोस्पेस इनोवेशन और आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण में ग्लोबल लीडर बन सकता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि डिफेंस बजट का लगभग 60 प्रतिशत नए टेक्नोलॉजी के फाइटर जहाज और गाड़ियों के खरीदारी खर्च में जा सकता है. इसकी वजह यह भी है कि भारतीय सेना की ताकत में ज्यादा से ज्यादा इज़ाफ़ा करने का है. इसके अलावा बजट में ऑपरेशनल रेडिनेस पर भी ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए ट्रेनिंग और अभ्यास जैसे जरूरी उपायों पर खर्च होगा ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हमारी सेना पूरी तरह तैयार रहे.