असम की सिविल सेवा अधिकारी नुपूर बोरा आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में गिरफ्तार हुईं हैं। मात्र 6 साल की सेर्विस में उनके पास से करोड़ों रुपये के जेवर और नकदी बरामद हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया है कि जमीन संबंधी विवादित लेनदेन के चलते उनपर 6 महीने से कानूनी नजर रखी जा रही थी। उनके आरोप हैं कि बोरा ने रुपयों के लिए हिंदुओं की जमीन संदिग्ध लोगों को दे दी। जानकारी के अनुसार स्पेशल विजिलेंस टीम ने नूपुर के गुवाहाटी वाले घर पर छापा मारा था। जहां से 92 लाख नकद और लगभग 2 करोड़ के जेवर बरामद किए गए। वहीं एक दूसरी टीम ने बारपेटा में उनके किराए के घर पर भी छापा मारा, जहां से करीब 10 लाख नकद बरामद हुए।विजिलेंस ने नूपुर के सहयोगी लाट मंडल सुरजीत डेका के घर भी छापा मारा। फिलहाल नूपुर कामरूप के गोरोइमारी में सर्किल ऑफिसर हैं।
CM सरमा बोले- 6 महीनों से थी नजर
CM सरमा ने कहा कि विवादित जमीन मामलों में नाम जुड़ने की शिकायतों के बाद पिछले 6 महीनों से उन पर नजर रखी जा रही थी। इसलिए हमने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। 6 साल की सर्विस और आय से कहीं ज्यादा संपत्ति असम सिविल सर्विस अधिकारी नूपुर बोरा 2019 में सिविल सेवा में शामिल हुईं थी।

कौन हैं नुपूर बोरा
31 मार्च 1989 में जन्मीं बोरा गोलाघाट जिले से आती हैं। वह एसीएस अधिकारी हैं और उन्होंने साल 2019 में सेवा शुरू की थी। फिलहाल, वह कामरूप जिले में गोरोईमड़ी में सर्किल ऑफिर थीं। उन्होंने गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में बैचलर की डिग्री ली है। साथ ही उन्होंने कॉटन कॉलेज में पढ़ाई की है। सिविल सर्विस में आने से पहले बोरा लेक्चरर भी रह चुकी हैं।
उन्होंने प्रशासनिक करियर की शुरुआत कार्बी अंगलोंग में सहायक आयुक्त के तौर पर की थी। वह मार्च 2019 से जून 2023 तक इस पद पर रहीं। जून 2023 में उन्हें बरपेटा में सर्किल ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया। इसके बाद उनका तबादला कामरूप किया गया था।
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